
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने छात्रों के लिए इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए हैं। यह इंटर्नशिप इंजीनियरिंग और सामान्य विज्ञान के स्नातक/ स्नातकोत्तर छात्रों को अनुसंधान व विकास गतिविधियों में भाग लेने का मौका देती है।
क्या है DRDO
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक प्रमुख शोध संस्था है, जो रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास कार्य करती है। इसकी स्थापना 1958 में भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान और रक्षा विज्ञान संगठन के विलय के रूप में की गई थी। DRDO का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत हैं।
DRDO की उपलब्धियां
DRDO ने भारत की प्रमुख मिसाइलें जैसे कि अग्नि, पृथ्वी व ब्रह्मोस विकसित की। इसके अलावा तेजस लड़ाकू विमान, अर्जुन टैंक और पिनाका रॉकेट लॉन्चर भी DRDO की उपलब्धियों में शामिल हैं। DRDO ने COVID-19 के दौरान 2DG दवा विकसित की थी।
इंटर्नशिप प्रोग्राम की विशेषताएं
- DRDO अपने रिसर्च से जुड़े विषयों में इंटर्नशिप देता है।
- छात्रों को रियल टाइम प्रोजेक्ट्स पर काम करने का मौका मिलता है।
- एप्लिकेशन सिर्फ कॉलेज के जरिए DRDO में भेजा जा सकता है।
- यह योजना अप्रेंटिस अधिनियम, 1961 के तहत नहीं आती हैं।
- सेलेक्शन खाली सीटों और लैब डायरेक्टर की मंजूरी पर निर्भर करता है।
4 हफ्ते से 6 महीने तक की होगी इंटर्नशिप
इंटर्नशिप की अवधि 4 हफ्ते से 6 महीने तक होती है, जो कोर्स और लैब डायरेक्टर पर निर्भर करता है। इंटर्न्स सिर्फ DRDO की उन जगहों पर जा सकते हैं, जहां कोई गोपनीय सीक्रेट जानकारी नहीं होती। इंटर्नशिप खत्म होने के बाद DRDO नौकरी देने के लिए बाध्य नहीं है। अगर इंटर्नशिप के दौरान कोई दुर्घटना हो जाती है, तो DRDO मुआवजा नहीं देगा।
DRDO इंटर्नशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया
छात्र अपनी पढ़ाई के क्षेत्र से संबंधित DRDO लैब या संस्थान की पहचान करें और अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए अप्रूवल वैकेंट सीटों और संबंधित लैब डायरेक्टर के निर्णय पर निर्भर करती है।