पीजीडीसीए डिग्री धारकों को हाईकोर्ट ने दिया यह खास मौका, मगर रखी यह शर्त

इन दिनों उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में चल रहे सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षक भर्ती के साक्षात्कार में पीजीडीसीए डिग्री धारकों को भी मौका दिया है। अब उन्हें भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर साक्षात्कार में शामिल किया गया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में आदेश सुनाते हुए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से पीजीडीसीए डिग्री धारकों का साक्षात्कार कराने के लिए कहा है, साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि सफल होने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नहीं दिया जाएगा।
अभ्यर्थी योगेंद्र सिंह सहित कई अन्य द्वारा दायर की गई विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की पीठ ने यह आदेश दिया। अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और सीमांत सिंह ने पक्ष रखा। याचीगण का कहना था कि इस पद पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य अर्हता कंप्यूटर में ‘ओ’ लेवल प्रमाणपत्र है। जबकि उसके पास ‘ओ’ लेवल से उच्च योग्यता की डिग्री पीजीडीसीए है। इसलिए उनको भी चयन में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन आयोग ने इस पद के लिए यह डिग्री योग्य नहीं मानी है।
यह भी खबर पढ़ें: उत्तर प्रदेश पुलिस 49,568 पदों पर करेगी भर्ती, 19 नवंबर से कीजिए आवेदन
बता दें कि कोर्ट ने अंतरित आदेश से याचीगण 11 सितंबर 2016 को आयोजित लिखित परीक्षा में शामिल हुए थे। इसका परिणाम 10 अगस्त 2018 को आया है और उसमें याचीगण सफल घोषित हुआ है। इसके बाद भी कोर्ट ने साक्षात्कार में बुलाने की मांग को अस्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि कोर्ट एकल न्यायपीठ ने इस मामले में दायर चाचिका खारिज कर दी थी। एकलपीठ का कहना था कि ‘ओ’ लेवल प्रमाणपत्र विज्ञापन में शामिल शर्त है, जिसे याचिका में चुनौती नहीं दी गई है। विशेष अपील में कहा गया कि तीन विशेषज्ञों की समिति की रिपोर्ट में भी गया है कि पीजीडीसीए की डिग्री ‘ओ’ लेवल से उच्च डिग्री है।
यह भी खबर पढ़ें: BPCL Recruitment 2018: 147 पदों पर निकली वैकेंसी, इस तरह करें अप्लाई
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
