SBI को सबसे सफल बैंक बनाने वाले कर्मठ कर्मचारियों को बाहर निकालने की तैयारी
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की तरक्की में वर्षों देने वाले कर्मचारियों को अब बैंक (SBI) निकालने जा रही है। जी हां, जिस बैंक (SBI) के साथ में कर्मचारियों ने अपना घर जैसा नाता बनाया। अब उसी घर से उनको निकालने की तैयारी चल रही है। करोड़ों की बचत करने के लिए एसबीआई (SBI) 30 हजार से अधिक कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) देने जा रही है। पीटीआई के मुताबिक एसबीआई (SBI) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की योजना तैयार की है जिसके दायरे में 30,190 कर्मचारी आ सकते हैं। बैंक (SBI) ने वीआरएस (VRS) के लिए एक ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है और इसको बोर्ड की मंजूरी मिलने का इंतजार है। एसबीआई (SBI) की तरफ से प्रस्तावित वीआरएस (VRS) का नाम सेकेंड इनिंग टैप वीआरएस (VRS) 2020 है। एसबीआई (SBI) इससे पहले वर्ष 2001 में कर्मचारियों से वीआरएस (VRS) की पेशकश की थी।
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एसबीआई (SBI) की तरफ से 30 हजार से अधिक कर्मचारियों की सेवानिवृत्त होने से बैंक (SBI) को करोड़ों रुपये का फायदा होगा। कर्मचारियों के वीआरएस (VRS) के संबंध में बैंक (SBI) का कहना है कि लागत में कटौती के लिए यह पहल की जा रही है। इससे बैंक (SBI) को दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी। एसबीआई (SBI) की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2020 तक कुल कर्मचारियों की संख्या 2.49 लाख थी, जबकि मार्च 2019 तक कर्मचारियों की यह संख्या 2.57 लाख थी। बैंक (SBI) की तरफ से प्रस्तावित ड्रॉफ्ट के मुताबिक, कुल 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी वीआरएस (VRS) स्कीम के लिए पात्र होंगे।
बैंक (SBI) की तरफ से तैयार ड्राफ्ट के मुताबिक एसबीआई (SBI) की वीआरएस (VRS) योजना ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक (SBI) को 25 साल की सेवा दी होगी या 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे। बैंक (SBI) की तरफ से वीआरएस (VRS) देने की योजना इस साल एक दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी। यानी इसी अवधि में वीआरएस (VRS) के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
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एसबीआई को करीब 2170 करोड़ रुपये की बचत होगी
बैंक (SBI) की तरफ से वीआरएस (VRS) देने की योजना इस साल एक दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी। बैंक (SBI) की तरफ से वीआरएस (VRS) को लेकर प्रस्तावित ड्रॉफ्ट के मुताबिक, कुल 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी वीआरएस (VRS) स्कीम के लिए पात्र होंगे। इसमें कहा गया कि यदि योजना के तहत रिटायरमेंट के योग्य कर्मचारियों में से 30 फीसदी भी वीआरएस (VRS) का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें जुलाई 2020 के वेतन पर आधारित अनुमान के तहत इससे एसबीआई (SBI) को करीब 2,170 करोड़ रुपये की एक साल में बचत होगी। बैंक (SBI) का यह भी कहना है कि लागत में कटौती के लिए यह पहल की जा रही है। बैंक (SBI) ने कहा कि इस योजना के तहत रिटायरमेंट के योग्य कर्मचारियों में से 30 फीसदी भी वीआरएस (VRS) का विकल्प चुनते हैं तो जुलाई 2020 के वेतन पर आधारित अनुमान के तहत एसबीआई (SBI) को करीब 1,662.86 करोड़ रुपये की बचत होगी।
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कर्मचारियों को क्या मिलेगा
वर्ष 2001 के बाद एसबीआई (SBI) की तरफ से लाई गई वीआरएस (VRS) स्कीम के तहत कर्मचारियों के ट्रांसफर की ही बात कहीं गई है। बैंक (SBI) की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि जिन कर्मचारियों की वीआरएस (VRS) का आवदेन स्वीकार किया जाएगा, उन्हें वास्तविक रिटायरमेंट की तारीख तक बची हुई सेवा अवधि के लिए वेतन का 50 फीसदी एक्स ग्रेशिया के रूप में दिया जाएगा। यही नहीं, बैंक (SBI) की तरफ से यह भी कहा गया है कि अन्य फायदों के तहत जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और मेडिकल बेनिफिट्स का भी लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट की तारीख से लेकर दो साल तक की निश्चित अवधि के बाद बैंक (SBI) के साथ दोबारा जुड़ने के योग्य भी माने जाएंगे।
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