69000 शिक्षक भर्ती: सरकार ने कोर्ट से कहा कि EWS के याचिकार्ताओं से वसूला जाना चाहिए जुर्माना

उत्तर प्रदेश में चल रही 69000 शिक्षकों की भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में गुरुवार को दो अहम मुद्दों को लेकर कोर्ट से बड़ी खबर रही। एक तरफ जहां आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (Economically Backward Class) के अभ्यर्थियों को लेकर सरकार की तरफ से हलफनामा दायर किया गया, तो वहीं अनुसूचित जाति (SC) के खाते में जनजाति (ST) की सीटों को जोड़ने को लेकर दायर याचिका पर सरकार से जवाब मांगा है। इन मुद्दों पर हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दायर याचिका पर अब आगे कार्रवाई बड़ी है।

बता दें, अधिवक्ता विनय पाण्डेय ने आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों (EWS) को आरक्षण देने के लिए हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दायर चायिका में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (Economically Backward Class) के अभ्यर्थियों को इस भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने की मांग की गई थी।

इन अभ्यर्थियों ने कोर्ट से सरकार की तरफ आरक्षण दिए जाने के लिए तय किए गए 10 प्रतिशत का लाभ दिलाए जाने की मांग की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने जब भर्ती (69000 Assistant Teachers) निकाली थी, उस समय इस पर प्रक्रिया कर ली गई थी। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से जारी की गई कटऑफ में अभी आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को कोई लाभ नहीं दिया गया है। बता दें पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले लोकसभा ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (Economically Backward Class) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की बात कहीं है।

सरकार ने कहा, इनसे वसूला जाए जुर्माना

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को लाभ देने के लिए दायर याचिका पर गुरुवार सरकार ने जवाब दाखिल किया है। सरकार की तरफ से दाखिल किए गए हलफनामे में उन्होंने कोर्ट से इस मामले में जुर्माना वसूले जाने की सिफारिश की गई है। सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि दिसंबर 2018 तक सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं आया था, जिसकी वजह से 10 प्रतिशत गरीब सवर्ण को आरक्षण दिया जाए। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में छह पेज के दाखिल हलफनामे में बताया है कि सरकारने  69000 भर्ती (69000 Assistant Teachers) का विज्ञापन 1-12-18 को जारी किया था।

कोर्ट ने इस केस को खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना भी लगाए जाने की अपील की है। अब सरकार के काउंटर पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं की तरफ से जल्द ही उसका point by point रिजवाइण्डर यानि खण्डन जमा किया जायेगा। बता दें इस मुद्दे पर कोर्ट में 28 जुलाई को न्यायमूर्ति राजन राय की बेंच में हुई थी। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर में सरकार की तरफ से हलफनामा जारी करने के लिए कहा था। वैसे, याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा जा रहा है कि इस भर्ती की प्रक्रिया सुपर टेट का रिजल्ट आने के बाद 16 मई 2020 से शुरू हुई। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को लाभ दिया जाना चाहिए।

सीटों को जोड़ने पर याचिका दायर

इस भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में अनुसूचित जाति एवं जनजाति सीटों को जोड़ने के लिए दायर याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की बेंच ने याची ओम प्रकाश सिंह सहित 155 की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सीमांत सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस शिक्षक भर्ती अनुसूचित जनजाति की खाली सीटों को इस भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) में जोड़ा नहीं गया। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति से खाली होने वाली सीटों को जोड़ने के अनुसूचित जाति में जोड़ने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति से 14490 अभ्यर्थी पास हुए हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति से महज 270 अभ्यर्थी ही पास हुए जबकि उनके लिए 1380 सीटे आरक्षित की गई है। अभ्यर्थियों के न मिलने पर विभाग ने उनकी सीटों को जोड़ दिया है। उनकी तरफ से सीटों को जोड़ना नहीं गया है। इस मुद्दे पर कोर्ट अधिवक्ता की बहस के बाद सरकार से जवाब मांगा है।

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