69000 शिक्षक भर्ती: संशोधन वाले अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत

मानवीय चूक के बाद भी उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) से सैकड़ों अभ्यर्थियों को वंचित कर दिया है। संशोधन से वंचित होने वाले अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक में न्याय की गुहार लगाई है। वहीं, प्रदेश के हजारों अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) से न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक उन लोगों की बात को नहीं सुन गया है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से लेकर हाईकोर्ट तक ने इस मामले को बहुत ही गंभीर मामला बताते हुए सरकार से राहत देने की बात कहीं है। कोर्ट (Supreme Court) ने विभाग से अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन के आधार पर संशोधन करने का आदेश दिया है। कटऑफ लिस्ट जारी होने के बाद से लगातार सरकार और अधिकारियों से संशोधन का मौका दिलाए जाने की गुहार लगाने वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी न्याय की गुहार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुहार लगाने वाले हजारों अभ्यर्थियों को सरकार की तरफ से राहत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याची अर्चना चौहान की तरफ से दाखिल एसएलपी Slp (c) 9541/2020 पर सुनवाई करते हुए रिलीफ ग्रांट दी गई है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश के बाद भी अधिकारियों की तरफ से अभी तक संशोधन न किए जाने पर याचिकाकर्ता अर्चना चौहान ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की थी।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस यू यू ललित एवं जस्टिस विनीत शरण ने रिलीफ ग्रांट दी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से एएसजी (ASG) ऐश्वर्या भाटी की तरफ से आपत्ति जताई गई। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह मुद्दा सीधे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कैसे आ गया है तब जस्टिस यूयू ललित ने एएसजी के कहने पर जनरल ऑर्डर नहीं जारी किया। कोर्ट (Supreme Court) ने इस मुद्दे पर पीड़ित पक्ष को संशोधन किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। 

इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार को आदेशित करते हुए कहा कि आपको संशोधन करना होगा और अभ्यर्थी मेरिट में है तो जॉब भी देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि अब प्रदेश के हजारों युवाओं को रिलीफ दे दी है। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में इस आदेश के आधार पर रिलीफ अभ्यर्थियों को मिल सकती है।

अभ्यर्थियों कर चुके हैं प्रदर्शन

69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में त्रुटि संशोधन की मांग कर रहे प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी संशोधन की मांग कर चुके हैं। सरकार की तरफ से अभी तक अभ्यर्थियों के पक्ष में कोई भी फैसला नहीं सुनाया गया है, इसकी वजह से अभ्यर्थियों में काफी रोष है। अभ्यर्थी कोविड-19 (Covid-19) के बाद भी इलाहाबाद में सचिव कार्यालय के समाने  धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं।

इसके अलावा अभ्यर्थियों ने घर पर बैठकर भी अभियान चलाया है। त्रुटि संशोधन का शुरू से ही नेतृत्व कर रहे अमर बहादुर ने बताया कि हम लोग पिछले दो महीने से किसी न किसी तरीके से सरकार से संशोधन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने हम लोगों के हित में कोई फैसला नहीं दिया है। इसकी वजह से हम लोग मानसिक रूप से भी प्रताड़ित हो रहे हैं।

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