69000 शिक्षक भर्ती: इलाहाबाद हाईकोर्ट बंद, सुप्रीम कोर्ट से नहीं आया ऑर्डर, भर्ती पर फंसा पेंच
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया पर जब से स्टे लगा है, इसके बाद इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर केसों की बहार आ गई। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर एक के बाद एक केस होते चले गए। 3 जून के बाद से अभी तक किसी भी केस का मामला हाईकोर्ट (High Court) और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से हल नहीं हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंसर की के केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट (High Court) के आदेश पर ही निर्भर कर दिया है। इसके अलावा शिक्षामित्रों सहित बीएड अभ्यर्थियों को बहार करने, भारांक सहित अन्य केस को टैग कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने अभी तक ऑर्डर नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आदेश न आने की वजह से अभी तक अभ्यर्थियों की राह स्कूल तक पहुंचने की नहीं बन पाई है।
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हाईकोर्ट की सुनवाई में कोरोना का लगा ग्रहण
69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर स्टे लगने के बाद जिस तरह से केस की बाहर आई है, उन्हें निपटने में महीनों बीत जाएंगे। वैसे अभी फिलहाल कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से आज तक कोर्ट बंद है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) पिछले 10 दिनों से बंद चल रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) और लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) 10 अगस्त से बंद चल रही है। यहां पर सिर्फ इमरजेंसी केसों की ही सुनवाई हो रही है। वैसे, इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) में सुनवाई जुलाई महीने में भी सही तरीके से नहीं हुई है, जिसकी वजह से अभी तक कोई भी केस फाइनल तक नहीं पहुंच पाए हैं।
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सरकार भी नहीं उपलब्ध करा रही डेटा
इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) को उत्तर प्रदेश सरकार भले ही जल्द से जल्द भरने का आदेश दे चुकी हो, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में इस समय जितने भी केस चल रहे हैं, उसमें से अधिकतर केस में कोर्ट के बार-बार मांगे जाने के बाद भी सूचनाएं नहीं उपलब्ध कराई गई है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में चाहे वह दिव्यांगों के आरक्षण का केस हो या फिर एमआरसी का केस हो या फिर सीबीआई (CBI) जांच और भर्ती (69000 Assistant Teachers) रद्द कराने का केस हो। इस भर्ती में हाईकोर्ट (High Court) में अभी तक जितने भी केस लगे हैं, उनमें से किसी भी केस में अभी तक सरकार की तरफ से सूचना नहीं उपलब्ध कराई गई है। सूचना उपलब्ध न होने की वजह से भी केसों की सुनवाई में दे रही हो रही। हर बार सरकारी वकील न्यायमूर्ति को यही बात कहकर अनुमति मांग ले रहे हैं। अगली डेट पर आकर फिर मौका मांग कर इतिश्री कर ले रहे हैं।
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अधिकारियों ने अभ्यर्थियों की नहीं सुनी
अपनी मांग को पूरा कराने के लिए न्यायालय का सहारा लिया जाना कोई बुरा नहीं है, लेकिन कहीं न कहीं भर्ती करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों और सरकार दोनों ही जिम्मेदार है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एक सबसे बड़ी बात यह निकलकर आ रही है कि इस भर्ती में अधिकारियों ने सब कुछ अपने ही मन से किया है। उन्होंने इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में किसी की भी नहीं सुनी है। अधिकारियों ने भी इस बार मानकों को ध्यान में नहीं रखा है, जिसकी वजह से अब अधिकतर मामले कोर्ट में ही खिंच रहे हैं। सभी अपने न्याय की गुहार कोर्ट (Superme Court & High Court) से लगा रहे हैं। भर्ती में बेसिक शिक्षा विभाग के पूर्व मानकों की अनदेखी बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के अधिकारियों ने की।
यही नहीं, अधिकारियों की गलती की वजह से प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी परेशान है और इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक जा रहे हैं। इस भर्ती में पूर्व के नियमों के हिसाब से भर्ती (69000 Assistant Teachers) न किए जाने की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच (Lucknow Banch) में इस समय याचियों ने अपना मुकदमा दायर कर रखा है। मानकों की अनदेखी करके आई कटऑफ लिस्ट की वजह से अभ्यर्थियों में परिषद (Basic Education Department) के प्रति लगातार रोष बढ़ता जा रहा है।
मेरिट लिस्ट को जारी करने में जिस तरह की धांधली हुई है, उसको लेकर अभ्यर्थियों ने न्यायालय में रद्द करने की याचिका तक डाली है। आरक्षण के मुद्दे पर अनदेखी किए जाने की वजह से महिलाओं को आरक्षण (Women Reservation) का लाभ न देना, एमआरसी सिस्टम (MRC), दिव्यांगों को आरक्षण (Handicapped Reservation) कम देने को लेकर अभ्यर्थी कोर्ट पहुंचे हैं। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कई मामलों में सुनवाई करके सरकार से कुछ सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।
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इस भर्ती में कौन-कौन से चल रहे हैं केस
69000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में तीन जून को डिवीजन बेंच से 156/2019 का जजमेंट आने के बाद इसमें एक के बाद एक केस बढ़ते ही चले जा रहे हैं। आंसर की के मुद्दे को लेकर लखनऊ बेंच के जज आलोक माथुर ने ही पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट (High Court) की तरफ से स्टे दिया जाना इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर ग्रहण के बारे हो गया। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में स्टे भले ही हट गया है, लेकिन इसके बाद भी सरकार अब भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया को नहीं करा पा रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 37,339 सीटों को रिजर्व करने का आदेश दे दिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट पहुंचें केस पर 24 जुलाई को सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस शिक्षक भर्ती में अभी वहां से आदेश आना बाकि है।
1 - शिक्षामित्र कटऑफ (40 और 45 फीसदी पर नौकरी पाने के लिए) के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हैं। ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट में रिजर्व हो चुका है।
2 - उत्तर कुंजी का विवाद (चार प्रश्नों में विवादित उत्तर दिए जाने की वजह से अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचें, भर्ती पर स्टे हुआ और अब मामला सुप्रीम कोर्ट से फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया है।)
3 - त्रुटि संशोधन मुद्दा (सामूहिक याचिका खारिज होने के बाद, अपनी समस्या को लेकर अब अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच रहे हैं। कई मुद्दों पर आदेश आ भी चुका है।)
4 - जनरल ओबीसी मुद्दा यानि एमआरसी पर विवाद कम नहीं है। एमआरसी मुद्दे को लेकर ओबीसी आयोग ने भी स्टे लगा रखा है।
5 - ईडब्ल्यूएस मुद्दा (EWS) इस पर सरकार की तरफ से जवाब दाखिल किया जा चुका है। सरकार ने याचिका खारिज करने की मांग की है। अभ्यर्थी इस केस पर सुप्रीम कोर्ट तक में लड़ने की बात कर रहे हैं।
6 - 20 प्रतिशत महिला आरक्षण का मुद्दा
7 - 4 प्रतिशत पीएच आरक्षण मुद्दा। इस केस में अभी तक हाईकोर्ट में सरकारी वकील लिस्ट नहीं उपलब्ध करा पाएं हैं।
8 - बीटीसी 2015 बैच बाहर करने की मांग।
9 - कट-आफ डेट मुद्दा
10 - एनओसी मुद्दा कोर्ट में स्टे भी हो गया जारी।
11 - बीटीसी को वेटेज दिए जाने की मांग
12 - ST की शेष बची सीटों को SC मे जोड़ने का मुद्दा (अमित कुमार ने याचिका दाखिल की है, SERS 9534/2020)
13 - तीन कामन नंबर डिलीट मुद्दा (अजय कुमार श्रीवास्तव डाली याचिका, SERS 9039/2020)
14 - परीक्षा रद्द & CBI जांच (अजय कुमार ओझा ने दायर की याचिका, SERS 9853/2020)
15 - OMR मुद्दा (कुछ भरने से भूलने का कारण)
16 - 22 हजार सीटों जोड़ने का मुद्दा
17- फर्जी अभ्यर्थियों की जांच कराने के संबंध में
18- अवैध भारांक (शिक्षामित्रों को 25 नंबर का अतिरिक्त भारांक दिए जाने पर)
19- सीटेट पास अभ्यर्थियों को बाहर करने का मुद्दा
20- अनुदेशक को भारांक का मुद्दा
21- 37339 शिक्षामित्रों के लिए पदों को सुरक्षित रखने का मुद्दा
22- बीएड अभ्यर्थियों को बाहर कने का मुद्दा
23- कटऑफ लिस्ट को चैलेंज
24-आरक्षित वर्ग को मिल रही छूट को चुनौती
नोट: कुछ केस अभ्यर्थियों ने अपने बचाव में भी डाले हैं। हाईकोर्ट में लगभग हर केस पर एक बार सुनवाई हो चुकी है।
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