69000 शिक्षक भर्ती: जानें आखिर पिछड़ा वर्ग आयोग क्यों हुआ सख्त, क्या हैं उसकी शक्तियां
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चल रही 69,000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर पिछड़ा वर्ग आयोग ने अग्रिम आदेश तक इस भर्ती पर स्टे लगा दिया है। आयोग की तरफ से भर्ती पर यथास्थिति का आदेश बनाए रखे जाने के बाद अब सवाल उठ रहे आखिर क्या आयोग को भर्ती रोकने का अधिकार है या फिर नहीं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) के उपाध्यक्ष की तरफ से यह कदम उठाए जाने के बाद अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। बता दें, पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) ने यह फैसला बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बुलाने के बाद भी हाजिर न होने पर लिया गया है।
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आयोग लगातार उन्हें शिक्षक भर्ती के डेटा के साथ में उपस्थिति होने के लिए बुला रहा था, लेकिन कोई भी अधिकारी उपस्थिति नहीं हुआ। आयोग की बातों को न मानने पर सख्त लहजे के साथ में उपाध्यक्ष ने अधिकारियों पर संविधान का कदाचार करने तक कहा है। आयोग (OBC Commission) के उपाध्यक्ष लोकश कुमार प्रजापति ने हजारों अभ्यर्थियों की शिकायत के आधार पर यह फैसला लिया है। बता दें, जिस तरह से आरक्षण नियमावली के खिलाफ इस शिक्षक भर्ती को किया गया है, उसको लेकर लगातार आवाज उठ रही थी। बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Department) की तरफ से हजारों अभ्यर्थियों को एमआरसी का हवाला देकर भर्ती से बाहर कर दिया गया है।
विभाग की इस तरह मनमानी पर अब पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) भी सख्त हो गया है। एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) के मुद्दे पर सरकार से जवाब भी मांग लिया गया है। आयोग ने एमआरसी के मुद्दे पर 7 जुलाई को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सहित अन्य अधिकारियों को तलब किया था। आज आयोग की तरफ से बुलाए जाने के बाद भी कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा, इसकी वजह से आयोग ने यह कदम उठाया है। आयोग (OBC Commission) ने कहा कि बिना कारण बताए हुए ही लगातार बेसिक शिक्षा सचिव उपस्थिति नहीं हुए है। आयोग (OBC Commission) ने कार्यविधि नियमावली के उपनियम 3.2.7 के तहत पूर्व जांच न होने तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। आयोग ने एक बार फिर से कहा है कि सात दिनों के अंदर आपको उपस्थित होना होगा। वहीं, आयोग की तरफ से स्टे लगाए जाने पर उपसचिव अनिल कुमार का कहना है कि पिछड़ा वर्ग आयोग को भर्ती पर स्टे लगाने का कोई भी अधिकार नहीं है।
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अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग हुआ सख्त
इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अभ्यर्थियों की लगातार शिकायत के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC) ने सख्त कदम उठाये थे। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ने इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अभ्यर्थियों की शिकायत पर अधिकारियों से जवाब तलब किया है। आयोग ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विशेष सचिव और परीक्षा नियामक प्राधिकार के सचिव को सात जुलाई को तलब किया था, लेकिन कोई भी अधिकारी उपस्थिति नहीं हुआ।
आयोग में अधिकारी इससे पहले भी कई बार तलब किए गए थे, लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा था।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति ने इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अभ्यर्थियों की शिकायत पर अधिकारियों से जवाब तलब किया था। इस मामले की सुनवाई आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. लोकेश कुमार प्रजापति ही करने वाले थे।
बता दें, शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आरक्षण प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर ही भाजपा (BJP) और एनडीए (NDA) की सहयोगी अपना दल सहित अन्य विधायकों ने भी मोर्चा खोल दिया है। इस मुद्दे पर भाजपा के एटा सांसद राजबीर सिंह, सीतापुर विधायक राकेश राठौर, अपना दल के पूर्व अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल सहित विपक्ष के नेताओं ने सीएम (CM) को पत्र लिखकर आरक्षण के प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने पर न्याय किए जाने की मांग की थी।
पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष ने भी नोटिस जारी करके कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 338-बी (Artical 338 B) के तहत उसे इस मामले में हस्तक्षेप का संविधानिक अधिकार है। अब सभी अधिकारियों को 7 जुलाई को संपूर्ण दस्तावेजों के साथ में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
सात जुलाई को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) के अध्यक्ष ने अधिकारियों की तरफ से इस तरह से की जा रही अवहेलना पर संविधान के नियम कोई महत्व नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) के प्रति आपका कोई सम्मान नहीं है। आयोग ने सात जुलाई को पत्र जारी करके कहा कि अधिकारी अपने कृत्य, कर्तव्यों की अवहेलना, पेशेवर लापरवाही, आयोग (OBC Commission) के प्रति अनुचित व्यवहार तथा आयोग के प्रति निष्ठा अस्वीकार करते हुए मिस्कडेंट (कदाचार) कर रहे हैं। आयोग (OBC Commission) ने अब हजारों अभ्यर्थियों की शिकायत के बाद यह कदम उठाया है।
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आयोग ने इन-इन तारीखों में अधिकारियों को बुलाया
शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आरक्षण के नियमों का पालन न करते हुए हजारों अभ्यर्थियों ने शिकायत की थी। शिकायतों के बाद आयोग (OBC Commission) ने संविधान के अनुच्छेद 338बी के तहत प्राप्त शक्तियों के आधार पर ही बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से 15 जून को भर्ती को लेकर आख्या मांगी गई थी। आयोग के उपाध्यक्ष ने पहली बार तीन दिन के अंदर अधिकारियों से रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने को कहा गया था। शिकायत के आधार पर आयोग (OBC Commission) ने रिपोर्ट मांगी, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया।
इसके बाद आयोग ने फिर पत्र लिखा और 22 जून को आयोग (OBC Commission) ने 29 जून की दोपहर 2 बजे अधिकारियों को उपस्थित होने के लिए कहा, लेकिन अधिकारी फिर से मनमानी करते हुए नहीं उपस्थिति हुए। अधिकारियों की इस मनमानी पर एक बार फिर से आयोग ने एक जुलाई को पत्र लिखा और सात जुलाई को उपस्थित होने के लिए कहा, लेकिन इसके बाद भी अधिकारी नहीं उपस्थित हुए। अधिकारियों की तरफ से इस तरह की जा रही मनमानी पर आयोग ने सख्त कदम उठाए।
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