उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) की भर्ती प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो गई है। अब अभ्यर्थियों के सामने सिर्फ हक की लड़ाई ही बची हुई है। अब इसके लिए एमआरसी पीड़ित, त्रुटि संशोधन, गलत प्रश्न और दिव्यांग अभ्यर्थियों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) की गलत नीतियों के चलते इस भर्ती से वंचित रहे गए अभ्यर्थी इस समय लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में पूरा हक न मिलने की वजह से नाराज चल रहे अभ्यर्थियों की तरफ से इस समय प्रदर्शन ही किया जा रहा है।
इस समय जहां एमआरसी पीड़ित अभ्यर्थियों की तरफ से ईको गार्डन में तीन दिनों से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं, दिव्यांग अभ्यर्थी (Disabled Candidates) भी अपनी मांगों को लेकर प्रयागराज में निदेशालय के सामने पिछले चार दिनों से प्रयागराज स्थित निदेशालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, त्रुटि संशोधन के अभ्यर्थियों (Error Correction Candidates) की तरफ से भी लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। अब सबकी तरफ से यह कहा जा रहा है कि हमारी बात को सुना जा रहा है। इस भर्ती में हुई धांधली के खिलाफ आखिरकार आवाज उठाई जा रही है।
एमआरसी पीड़ित अभ्यर्थी तीन दिनों से कर रहे प्रदर्शन
लखनऊ के ईको गॉर्डन में पिछले तीन दिनों से एमआरसी पीड़ित अभ्यर्थियों (MRC Candidates) की तरफ से धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने हम लोगों के साथ में अन्याय किया है। हम लोगों को सरकार की तरफ से नियमितता आरक्षण भी नहीं दिया गया है। अभ्यर्थियों (MRC Candidates) ने कहा कि हम लोगों की मांग है कि वर्गवार सूची बनाई जा रही है। आखिर किस आधार पर यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) की गई है, इसके बारे में बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के अधिकारी बताएं। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) की मूल चयन सूची शैक्षिक गुणांक सहित वर्गवार जारी किया जाए। अभ्यर्थियों (MRC Candidates) का कहना है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) की आड़ में ओबीसी (OBC) व एससी (SC) का आरक्षण छीना जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि हम लोगों का हक पूरी तरह से छीना जा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के अधिकारियों और सचिव ने हाईकोर्ट (Allahabad High Court) व पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) को मूल चयन सूची भी नहीं उपलब्ध कराई है। हम लोग मांग करते हैं कि जल्द से जल्द सूची उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा एमआरसी पीड़ितों (MRC Candidates) का कहना है कि सरकार हम लोगों का सही तरीके से चयन करके फिर से कटऑफ जारी करें।
दिव्यांगों अभ्यर्थियों की यह हैं मांग
इस कड़ाके की ठंडक में पिछले चार दिनों से दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) का धरना-प्रदर्शन प्रयागराज में अनवरत जारी है। दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) का कहना है कि जब तक हम लोगों की मांगों को पूरी तरह से मानते हुए जब तक लेटर नहीं जारी कर दिया जाएगा, तब तक हम लोग अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से हम लोगों को 2016 में ही 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने का ऐलान किया गया है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सितंबर 2018 में चार प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने का अध्यादेश पास कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी हम लोगों को इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) को पूरा आरक्षण नहीं दिया गया है। इसकी वजह से सैकड़ों अभ्यर्थियों का चयन इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नहीं हो पाया है।
अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) का कहना है कि सरकार की तरफ से चार प्रतिशत आरक्षण न दिए जाने की वजह से सैकड़ों अभ्यर्थी (Disabled Candidates) इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) से बाहर हो गए हैं। अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) का कहना है कि विभाग की तरफ से दिव्यांगों का हक मारकर इनकी जगह पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को लाभ दिया गया हैं। बता दें, सरकार को विभाग (Basic Education Department) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में कुल 3,084 दिव्यांग उम्मीदवार (Disabled Candidates) पास हुए हैं। 69 हजार शिक्षक भर्ती (Allahabad High Court) का घोषित परिणाम के हिसाब से इसमें बधिर अभ्यर्थियों की संख्या 397, दृष्टिबाधित अभ्यर्थी की संख्या 618 और अस्थि विकलांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) की संख्या 2,069 है। विभाग ने बताया कि जिला आवंटन के समय में सभी को एक-एक प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। विभाग (Basic Education Department) ने बताया कि 1 प्रतिशत अभ्यर्थी हमें मिले नहीं, जिसकी वजह से उनकी सीटों को सामान्य वर्ग में जोड़ दिया गया है। यही नहीं कोर्ट में विभाग (Basic Education Department) ने यह भी बताया कि दिव्यांगों को क्षैतिज आरक्षण के तहत ही आरक्षण का लाभ दिया गया है।
क्रमिक अनशन पर बैठे त्रुटि संशोधन के अभ्यर्थी
69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में त्रुटि संशोधन (Error Correction Candidates) का मौका सरकार की तरफ से नहीं दिया गया है। सरकार की तरफ से मौका न दिए जाने की वजह से अभ्यर्थी बहुत ही परेशान है। इस समय पूर्णांक/प्राप्तांक वर्ग, भारांक में संशोधन को लेकर अभ्यर्थियों का चौथे दिन भी क्रमिक अनशन जारी है। अभ्यर्थियों (Error Correction Candidates) की तरफ से बेसिक शिक्षा निदेशालय के (Basic Education Department) सामने पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है। चार दिन बाद भी अभी तक शासन की तरफ से कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला है। इसकी वजह से अभ्यर्थियों (Error Correction Candidates) का कहना है कि वह धरने पर निरंतर बैठे रहेंगे और जब जब तक हम लोगों को शासनादेश जारी नहीं करते हैं तब तक हम लोग उठने वाले नहीं हैं। इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमर बहादुर ने कहा जैसे कम वालों का जीओ निकाला गया है वैसे ही शासन से अपील है कि ज्यादा वालों का भी मूल दस्तावेज से मिलान करके उनका नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया जाए ताकि ऐसे अभ्यर्थियों (Error Correction Candidates) को मौका मिल सकें। धरने पर बैठी बबली पाल ने कहा शासन से मेरी मांग है कि हम लोग अगर प्रदेश स्तरीय मेरिट में आ रहे है तो हमारे मूल दस्तावेज से मिलान करके ही हम लोगों को नियुक्ति प्रदान करें। इस मौके पर विकास करण, संदीप कुमार, आशुतोष श्रीवास्तव, सतवंत सिंह, रमन वर्मा ,रुचि शुक्ला ,सत्यव्रत शुक्ला,अमृता मिश्रा ,कुमुद सहित कई अभ्यर्थी मौजूद रहें।