69000 शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट ने विभाग से मांगा दिव्यांगजनों के आरक्षण का डाटा, 21 जुलाई को होगी सुनवाई

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में अहम मुद्दे पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में आज दिव्यांगों को दिए गए आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट ने सुनवाई। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सूर्य प्रकाश केसरवानी की पीठ में सुनवाई में कोर्ट ने विभाग से फिर से डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने सरकारी वकील से एक सप्ताह के अंदर दिव्यांगों (Disabled Candidates) को भर्ती में दिए गए आरक्षण की सूची मांगी।
विभाग ने कहा कि अगर दिव्यांगों को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है, तो उसकी पूरी सूची उपलब्ध कराई जाएगी। इस पर सरकारी वकील ने कोर्ट से फिर से 15 से 20 दिन का समय मांगा, लेकिन कोर्ट ने महज एक सप्ताह के अंदर ही डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा। बता दें, इस भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) को बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Department) की तरफ से महज तीन प्रतिशत ही आरक्षण दिया गया है। भर्ती में आरक्षण कम दिए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दूसरी सुनवाई।
69 हजार शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट ने दिव्यांगजनों को आरक्षण कम दिए जाने पर मांगा जवाब
69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में चार प्रतिशत विशेष आरक्षण के कम दिए जाने पर उपेंद्र मिश्रा सहित अन्य लोग कोर्ट गए हुए हैं। इससे पूर्व 18 जून को इस मुद्दे पर सुनवाई हुई थी। जस्टिस अभिनव उपाध्याय की बेंच ने सरकार से दिव्यांगों का डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा था। उन्होंने इस केस की अगली सुनवाई की तारीख आज तय की थी। आज फिर से इस मुद्दे पर सुनवाई हुई। कोर्ट की तरफ से मांगे गए डेटा को आज भी सरकारी वकील नहीं उपलब्ध करा पाएं। जिसके बाद कोर्ट (Allahabad High Court) ने फिर से उनसे अगले सप्ताह के अंदर ही डेटा उपलब्ध कराने के लिए कहा है। आज इस मुद्दे पर दिव्यांगजनों (Disabled Candidates) की तरफ से अधिवक्ता गिरिजाशंकर मिश्रा सहित अन्य वकीलों ने बहस की। दिव्यांगजनों (Disabled Candidates) की तरफ से बहस कर रहे वकीलों ने कोर्ट से भर्ती पर स्टे की मांग की, लेकिन कोर्ट (Allahabad High Court) ने इस मुद्दे पर सुनवाई की अगली तारीख 21 जुलाई तय की। विभाग को डेटा उपलब्ध कराने के लिए सरकारी वकील कोर्ट से 15 से 20 दिन का समय मांग रहे थे, लेकिन कोर्ट ने महज 8 दिन का ही समय दिया। बता दें, पूर्व में भी कोर्ट इस मुद्दे पर डेटा मांग चुका है, लेकिन अभी तक आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया है।
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दिव्यांगों की यह है सरकार से मांग
इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में बेसिक शिक्षा परिषद ने सरकार की तरफ से दिए जा रहे आरक्षण का लाभ नहीं दिया है। सरकार की तरफ से आरक्षण का हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। आरक्षण और ओवरलैपिंग के नियमों को सही तरीके से पालन न किए जाने की वजह से सैकड़ों दिव्यांग (Disabled Candidates) भी परेशान है। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की तरफ से जारी नियमों के हिसाब से एक सितम्बर 2018 से आरक्षण को एक प्रतिशत और बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने दिव्यांग (Handicapped) की श्रेणी में अन्य कैटेगरी को भी जोड़ा है। अब सरकार (Uttar Pradesh Government) की तरफ से जारी नियमों के बाद भी बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Department) अभ्यर्थियों को लाभ नहीं देने जा रहा है। दिव्यांगजनों (Handicapped) के वकील गिरिजाशंकर मिश्रा ने बताया कि 69,000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में सरकार सिर्फ 3 प्रतिशत ही आरक्षण दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों (Disabled Candidates) के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की सितम्बर 2018 से दिया है, लेकिन इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में महज तीन प्रतिशत ही आरक्षण का लाभ दिया गया है। इसके अलावा दिव्यांगों ने सरकार की तरफ से 2016 में पास हुए एक्ट के हिसाब से ही भर्ती कराए जाने की मांग की है।
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क्षैतिज आरक्षण का सही तरह से नहीं मिला लाभ
69 हजार भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उच्च गुणांक वाले दिव्यांग अभ्यर्थी जिन्होने सामान्य श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों के समतुल्य या उनसे अधिक गुणांक अर्जित किया है, उन्हें भी दिव्यांग (Disabled Candidates) श्रेणी में ही मान लिया गया है। ऐसे अभ्यर्थियों की ओरवलैपिंग नहीं की गई। ओवरलैपिंग के नियमों के हिसाब से ऐसा किया जाना पूरी तरह से गलत है और यह ओवरलैपिंग के नियमों के खिलाफ है। यही नहीं, चयनित दिव्यांगजनों (Handicapped) को विशेष आरक्षण भी सही तरीके से नहीं दिया गया है।
यही नहीं, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में पिछली भर्ती (68500 Assistant Teachers) के खाली पदों का समायोजन भी नहीं किया गया है। बैकलॉग पदों पर सरकार की तरफ से कोई विचार ही नहीं किया गया है। दिव्यांगजनों (Handicapped) ने अधिकारियों और बेसिक शिक्षा निदेशालय को पूर्व के आदेशों का हवाला देते हुए विभाग से न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। इसके बाद अभ्यर्थियों ने लखनऊ और इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में रिट भी दाखिल की है।
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