69000 शिक्षक भर्ती: प्रयागराज में दूसरे दिन भी दिव्यांग अभ्यर्थियों की जारी रही भूख हड़ताल

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में अपनी मांगों को लेकर 14 दिसंबर से दिव्यांग अभ्यर्थी धरने पर बैठे हुए हैं। अभ्यर्थियों की तरफ से प्रयागराज में आज 26 वें दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। वहीं, आज दूसरे दिन भी कुछ अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर बैठे रहे। सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया गया है। दिव्यांग अभ्यर्थी दूसरे दिन भी भूख हड़ताल पर बैठ रहे। भूख हड़ताल पर बैठे हुए अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक हम लोग भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे।
69000 शिक्षक भर्ती: अपनी मांगों को लेकर प्रयागराज में भूख हड़ताल पर बैठे दिव्यांग
बता दें, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को जगाने के लिए उनकी तरफ से कैंडल और टॉर्च को भी जलाया जा चुका है। इसके अलावार अर्द्धनग्न और काली पट्टी भी बांधकर विरोध जताया गया है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक इनकी मांगों पर गौर ही नहीं किया जा रहा है। अभ्यर्थियों की तरफ से बेसिक शिक्षा विभाग में RPWD 2016 को लागू कराए जाने की मांग की जा रही है। सरकार की तरफ से इस अध्यादेश को भले ही पारित कर दिया गया है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इसका पालन नहीं किया जा रहा है।
69000 शिक्षक भर्ती: दिव्यांगों ने कैंडल जलाकर अधिकारियों को जगाने की कोशिश
बता दें, दिव्यांगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हम लोगों को चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की अधिसूचना 2018 में जारी कर दी गई है, लेकिन अभी तक भर्ती में हमें तीन फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। उच्च गुणांक वाले दिव्यांग अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में चयनित न करके उन्हें दिव्यांग श्रेणी में ही शामिल किया गया है। यही नहीं, दिव्यांगों ने दृष्टिबाधित एवं श्रवणह्वास दिव्यांगजनों की बची हुई सीटों को भी शामिल किए जाने की मांग की।
दिव्यांगों की तरफ से यह भी मांग की जा रही है कि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से चलन क्रिया से बाधित अभ्यर्थियों को ये सीटें दी जाएं। उन्होंने बताया कि सीएम से लेकर डिप्टी सीएम तक को प्रत्यावेदन दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक आरपीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 को लागू नहीं किया गया है। दिव्यांगों का कहना है कि सरकार नियमों का पालन करते हुए यह भर्ती करती तो फिर हम लोगों को यहां पर धरना-प्रदर्शन के लिए नहीं बैठना पड़ता है। अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार को हम लोगों की मांग पर गौर देना चाहिए।
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