69000 शिक्षक भर्ती: दिव्यांगों ने मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ 14 दिसंबर से दिव्यांग अभ्यर्थी प्रयागराज में धरने पर बैठे हुए हैं। अभ्यर्थियों की तरफ से प्रयागराज में 29 वें दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। वहीं, आज पांचवें दिन भी दिव्यांग धनराज यादव, उपेंद्र मिश्रा, शरद अग्रहरि, प्रदीप शुक्ला सहित कुछ अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर बैठे रहे। दिव्यांगों की भूख हड़ताल जारी है, लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है। अपने साथ हुए अन्याय की पीड़ा आज दिव्यांगों ने सरकार के प्रवक्ता और मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को भी बताई। उन्होंने बताया कि हमारे साथ विभाग ने किस तरह से आरक्षण में खेला है, लेकिन हम लोगों की मांग पर सरकार ने अभी तक गौर नहीं किया है। वहीं, भूख हड़ताल पर बैठे हुए अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तब तक हम लोग ऐसे ही बैठे रहेंगे।
69000 शिक्षक भर्ती: अपनी मांगों को लेकर प्रयागराज में भूख हड़ताल पर बैठे दिव्यांग
बता दें, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों को जगाने के लिए उनकी तरफ से कैंडल और टॉर्च को भी जलाया जा चुका है। इसके अलावार अर्द्धनग्न और काली पट्टी भी बांधकर विरोध जताया गया है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक इनकी मांगों पर गौर ही नहीं किया जा रहा है। अभ्यर्थियों की तरफ से बेसिक शिक्षा विभाग में RPWD 2016 को लागू कराए जाने की मांग की जा रही है। सरकार की तरफ से इस अध्यादेश को भले ही पारित कर दिया गया है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इसका पालन नहीं किया जा रहा है। महानिदेशक विजय किरण आनंद की तरफ से भी दिव्यांगों की मांगों पर अभी तक गौर नहीं किया गया है। दिव्यांगों के साथ में किस तरह से अन्याय हुआ है, उसके खिलाफ अभी तक कोई बोल भी नहीं रहा है।
69000 शिक्षक भर्ती: दिव्यांगों ने कैंडल जलाकर अधिकारियों को जगाने की कोशिश
बता दें, दिव्यांगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हम लोगों को चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की अधिसूचना 2018 में जारी कर दी गई है, लेकिन अभी तक भर्ती में हमें तीन फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। उच्च गुणांक वाले दिव्यांग अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में चयनित न करके उन्हें दिव्यांग श्रेणी में ही शामिल किया गया है। यही नहीं, दिव्यांगों ने दृष्टिबाधित एवं श्रवणह्वास दिव्यांगजनों की बची हुई सीटों को भी शामिल किए जाने की मांग की। दिव्यांगों की तरफ से यह भी मांग की जा रही है कि बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से चलन क्रिया से बाधित अभ्यर्थियों को ये सीटें दी जाएं।
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