उत्तर प्रदेश में चल रही 69,000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में दिव्यांगों को सरकार की तरफ से 4 प्रतिशत आरक्षण दिया है। ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दाखिल जवाब में कहा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सरकार की तरफ से पेश किए गए जवाब में कहा गया है कि हमने अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) को चार प्रतिशत आरक्षण दिया है। हमें एक प्रतिशत अभ्यर्थी मिले ही नहीं हैं। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सरकार ने बताया कि यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) जिला स्तरीय थी, इसीलिए पदों की गणना जिला स्तर पर ही होनी चाहिए। सरकार ने शिक्षक के पद को जिला कैडर ही बताया गया है। इस तरह से सरकार की तरफ से अपने को बचाते हुए कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है। वहीं, सरकार के इस जवाब से दिव्यांग अभ्यर्थी (Disabled Candidates) संतुष्ट नहीं है। दिव्यांग अभ्यर्थियों की तरफ से 30 अगस्त तक जवाब दाखिल किया जाएगा। अब इस मुद्दे पर बहस सरकार और दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) के वकीलों की तरफ से अगले माह की जाएगी।इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की तरफ से जारी आरक्षण की व्यवस्था को न मानते हुए पुराने ही नियमों को लागू किया है। सरकार की तरफ से पुराने नियमों के हिसाब से ही भर्ती किए जाने की वजह से अभ्यर्थी बहुत ही नाराज है।इस भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) को बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Department) की तरफ से महज तीन प्रतिशत ही आरक्षण दिया गया है। अभ्यर्थियों की तरफ से ऐसा कहते हुए कोर्ट में गुहार लगाई गई थी। अभ्यर्थियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) और लखनऊ बेंच दोनों ही जगह पर याचिका दाखिल की है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में उपेंद्र मिश्रा सहित अन्य लोगों की तरफ से चार प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य मुद्दों को लेकर दाखिल याचिका पर सरकार की तरफ से जवाब आ गया है। अभ्यर्थियों की तरफ से ऐसा गया है कि इस भर्ती प्रक्रिया में बेसिक शिक्षा परिषद ने नियमावली के हिसाब से आरक्षण का लाभ नहीं दिया है। सरकार की तरफ से आरक्षण का हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। यही नहीं, इस भर्ती में ओवरलैपिंग भी दिव्यांग अभ्यर्थियों की नहीं कराई गई, इसकी वजह से सैकड़ों दिव्यांग (Disabled Candidates) अभ्यर्थी चयनित नहीं हो सकें। बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की तरफ से जारी नियमों के हिसाब से एक सितम्बर 2018 से आरक्षण को एक प्रतिशत और बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है।
उच्च गुणांक के अभ्यर्थियों को मूल कैटेगरी में ही भेजा
इस मुद्दे पर हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में दाखिल याचिका में दिव्यांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) की तरफ से यह भी कहा गया है कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उच्च गुणांक वाले दिव्यांग अभ्यर्थी जिन्होंने सामान्य श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों के समतुल्य या उनसे अधिक गुणांक अर्जित किया है, उन्हें भी दिव्यांग (Disabled Candidates) श्रेणी में ही मान लिया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के नियमों के हिसाब से ऐसा किया जाना पूरी तरह से गलत है और यह पूरी तरह से ओवरलैपिंग के नियमों के खिलाफ है। चयनित दिव्यांगजनों (Handicapped) को विशेष आरक्षण भी सही तरीके से नहीं दिया गया है। अभ्यर्थियों का यह भी कहना है कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में पिछली भर्ती (68500 Assistant Teachers) के खाली पदों का समायोजन नहीं किया गया है।
इसके अलावा बधिर और दृष्टिबाधित अभ्यर्थियों की खाली सीटों पर दिव्यांग अभ्यर्थियों का चयन न करके जनरल अभ्यर्थियों में सीटों को जोड़ दिया गया है। सरकार की तरफ से दाखिल इस मुद्दे के जवाब में काफी गोलमोल तरीके से जवाब दिया गया है।
अपने ही जवाब में फंसती नजर आ रही सरकार
इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर विभाग अपनी तरफ से जारी जवाब के हिसाब से ही फंसता हुआ नजर आ रहा है। इस मुद्दे पर विभाग की तरफ से बताया गया है कि 69000 शिक्षक भर्ती में कुल 3084 दिव्यांग उम्मीदवार (Disabled Candidates) पास हुए हैं। भर्ती (Allahabad High Court) का घोषित परिणाम के हिसाब से इसमें बधिर अभ्यर्थियों की संख्या 397, दृष्टिबाधित अभ्यर्थी की संख्या 618 और अस्थि विकलांग अभ्यर्थियों (Disabled Candidates) की संख्या 2,069 है। विभाग ने बताया कि जिला आवंटन के समय में सभी को एक-एक प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। विभाग ने बताया कि 1 प्रतिशत अभ्यर्थी हमें मिले नहीं, जिसकी वजह से उनकी सीटों को सामान्य वर्ग में जोड़ दिया गया है।
विभाग ने कहा कि क्षैतिज आरक्षण के तहत ही आरक्षण का लाभ दिया गया है। विभाग ने यह भी कहा है कि यह भर्ती (69000 Assistant Teachers) स्टेट लेवल की नहीं हैं बल्कि जिला लेवल की भर्ती (69000 Assistant Teachers) है। विभाग ने उ.प्र. बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के तहत भर्ती जिला कैडर मानते हुए की है। अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार की तरफ से जिला स्तर पर फिर विज्ञापन क्यों नहीं जारी किया। आखिर विभाग की तरफ से ऐसा क्यों किया गया कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में विज्ञापन राज्य स्तर पर जारी किया गया। इस तरह से विभाग की तरफ से दिए गए कई सवालों पर अब अभ्यर्थी प्रश्न उठा रहे हैं।