69000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट से आदेश का इंतजार, जानें क्या है प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश के हजारों अभ्यर्थियों की आश बनी 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) इस समय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में रूकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट से फैसला कब आएगा, बस इसकी ही चर्चा हर तरफ है। प्रदेश के हजारों अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। आखिरकार उन्हें इंतजार भी क्यों न हो जब डेढ़ साल के बाद उन्हें नौकरी में आने का मौका मिला है। विभाग की तरफ से फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद भी अभी तक उन लोगों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। वहीं, जिन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रक्रिया हो भी गई है, उन लोगों के प्रमाणपत्रों को अब विभाग की तरफ से वापस किया जा रहा है। ऐसे में अब सिर्फ सबकी आशा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से ही है।
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 24 जुलाई को मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी तक आदेश नहीं आया है। इस मुद्दे पर आदेश अगस्त माह के पहले सप्ताह में आने की उम्मीद थी, लेकिन उस समय नहीं आया। अब ऑर्डर कब आएगा, इसके बारे में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है।
बता दें, शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) के कई केस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 24 जुलाई को ऑर्डर रिजर्व कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से आदेश सुरक्षित किए जाने के बाद से अभ्यर्थियों को बहुत आश इस भर्ती से हो चुकी है। लेकिन एक महीने के बाद भी अभी तक इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) आदेश नहीं सुनाया गया है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने SLP(c)-6841/2020 राम शरण मौर्य अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के साथ में सभी केसों पर सुनवाई करते हुए एक साथ में टैग कर दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से आने वाले फैसले में सबकी नजर कटऑफ (Cutoff) के मुद्दे पर है। यह मुद्दा शिक्षामित्रों से लेकर चयनित अभ्यर्थियों के लिए बहुत ही मायने रखता है। कटऑफ का मुद्दा ही इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) का भविष्य तय करेगा। अगर शिक्षामित्रों (Shiksha Mitra) के पक्ष में निर्णय आता है, तो पूरी भर्ती लिस्ट बदल जाएगी और वहीं अगर नहीं आता है, तो फिर कटऑफ लिस्ट पुरानी वाली ही रह सकती है।
विभाग इसी कटऑफ भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया को पूरी करा सकता है, लेकिन एमआरसी (MRC) का मुद्दा भी इस समय काफी तेजी से पकड़ चुका है। इस भर्ती से बाहर हुए करीब 15 हजार ओबीसी वर्ग (OBC) के अभ्यर्थी भी उम्मीद लगाए हुए है कि उन्हें भी इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में मौका मिलेगा। बता दें, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक जून को 67,867 चयनित अभ्यार्थियों की लिस्ट जारी की जा चुकी है।
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जानें सुप्रीम कोर्ट से कैसे आता है आदेश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अगर भी केस पर जजमेंट आता है, तो उसकी एक प्रक्रिया होती है। इस बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डे बताते हैं कि सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक सूचनाओं से अभ्यर्थियों को दूर रहना चाहिए। यहां पर जिस तरह से तारीख के ऊपर तारीख का रवैया अपनाकर हजारों अभ्यर्थियों को चंद लोगों के द्वारा ही भ्रमित किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जब भी 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का आदेश आएगा, उससे पहले लगभग 99 प्रतिशत सप्लीमेंट्री काज लिस्ट 1 या 2 दिन पहले ही आ जाएगी।
उन्होंने बताया कि ऐसा बहुत ही कम बार हुआ है जब एडवांस केस (Advance Cause) लिस्ट में आता है। उन्होंने बताया कि जब भी आदेश आएगा, उसके लिए यह जरूरी नहीं है कि तीनों जजों की बेंच एक साथ बैठे तभी जजमेंट सुनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 12091 शिक्षक भर्ती (12091 Assistant Teachers) में अवमानना केस भी जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) और जस्टिस एमआर शाह (Justice M R Shah) ने ही सुना था। लेकिन जब आदेश आया तो उस समय जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ( Justice Indu Malhotra) की बेंच थी। उन्होंने बताया कि आदेश में दोनों ही जजों के हस्ताक्षर होते है , लेकिन आदेश एक जज भी सुना सकता है।
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