69000 शिक्षक भर्ती: भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम मोदी को अभ्यर्थियों ने लिखा खत

उत्तर प्रदेश में चल रही 69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में किस तरह से भ्रष्टाचार किया गया है, इसकी हकीकत अभ्यर्थियों ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को खत लिखकर बताई है। पीएम मोदी (PM Modi) को लिखे गए खत में अभ्यर्थियों ने बताया है कि आखिरकार कैसे इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में भ्रष्टाचार किया गया है। यही नहीं, अभ्यर्थियों ने यह भी बताया है कि कैसे करके भ्रष्टाचार अन्य भर्तियों में भी किया जा रहा है, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश के करोड़ों अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है।
पीएम मोदी (PM Modi) को लिखे गए पत्र में अभ्यर्थियों ने यह भी बताया है कि कैसे करके उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आपकी ऊंची सोच का ही नतीजा है कि आपने 'एकहि साधे सब सधे' की समझदारी भरा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) से ही सवाल जवाब करने का तथा अपने वादे को पूरा करने के लिए चल रहे कार्यों को शीघ्र पूरा करने में आ रही समस्याओं के निराकरण की योजना बनाई।
अभ्यर्थियों ने याद दिलाया है कि आपने ही कहा था कि प्रतिवर्ष 02 करोड़ युवाओं को रोजगार दूंगा और सभी नौकरी 6 माह में पूरी होंगी यानी फार्म भरने व नियुक्ति पत्र देने में 06 माह से ज्यादा समय ना लगे और दूसरी बात 'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' अर्थात भ्रष्टाचार खत्म करूंगा। यहां पर लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को दो साल बीतने वाले हैं, लेकिन अभी तक इसमें कुछ आगे प्रगति भी नहीं हुई है।
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69000 शिक्षक भर्ती की व्यथा
69000 शिक्षक भर्ती न्याय मोर्चा के संयोजक सुनील मौर्य (Sunil Maurya) ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया है कि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में कोई नई भर्ती नहीं हो रही है, बल्कि यह भर्ती 1,37,500 शिक्षामित्रों को शिक्षक पद से हटाने के बाद रिक्त हुए पदों पर भर्ती हो रही है। यहां पर इन पदों के लिए हो रही भर्ती दो चरणों में होने वाली है।
यही नहीं, उत्तर प्रदेश में रिक्त हुए पदों पर भर्ती सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार दूसरे चरण पर हो रही है। पहले चरण में 68500 की नियुक्ति प्रक्रिया (68500 Assistant Teachers) जैसे- तैसे संपन्न हुई है। अब अभी भी इसमें लगभग एक तिहाई सीट खाली ही रह गई है।
आखिर कैसे चल रही है भर्ती
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) का फार्म दिसंबर माह 2018 में निकाला गया था। दिसंबर 2018 में निकाले गए फॉर्म की परीक्षा 06 जनवरी 2019 को संपन्न हुई थी। 69000 शिक्षक भर्ती न्याय मोर्चा के संयोजक सुनील मौर्य ने बताया पीएम को बताया कि परीक्षा से पूर्व ही छात्रों ने प्रदर्शन कर विज्ञापन में पासिंग मार्क (कटऑफ ) लगाने की मांग की, लेकिन उस समय इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
परीक्षा संपन्न होने के दूसरे दिन यानी 07 जनवरी को ही नया पासिंग मार्क 60 फीसदी ओबीसी-एससी-एसटी और 65 फीसदी जनरल अभ्यर्थियों के लिए घोषित कर दिया गया था। उन्होंने पीएम को बताया कि शिक्षामित्रों की तरफ से इस मामले को चुनौती दी गई और फाइनल निर्णय इस साल मई महीने में आया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह भर्ती स्टे के दौर से ही गुजर रही है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अभी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से ही निर्णय आना है।
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69000 भर्ती में जमकर हुआ भ्रष्टाचार
69000 शिक्षक भर्ती न्याय मोर्चा के संयोजक सुनील मौर्य ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया है कि 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' की बात ययहां पर भी है। उन्होंने बताया कि इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में भ्रष्टाचार का खेल जमकर खेला गया। 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) की परीक्षा 06 जनवरी 2019 को संपन्न हुई और उसके एक दिन पहले ही 05 जनवरी 2019 को ही चारों प्रश्न पत्र की आंसर की सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
इस तरह से इस भर्ती में व्यापक पैमाने पर सेटिंग-गेटिंग करके परीक्षा कराई गइ। उन्होंने बताया कि परीक्षा में एसटीएफ (STF) ने कई जिलों में एफआईआर भी दर्ज की गई। यही नहीं, कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। लेकिन उसका क्या हुआ आज तक सामने नहीं आया। उन्होंने बताया कि भर्ती (69000 Assistant Teachers) में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतियोगियों ने 06 जनवरी 2019 से ही आवाज उठाना शुरू किया और 2 महीने तक पीएनपी कार्यालय (PNP Office) के सामने धरना-प्रदर्शन भी किया गया, लेकिन कुछ ध्यान नहीं दिया गया।
पीएम मोदी को दिए गए पत्र में 69000 शिक्षक भर्ती न्याय मोर्चा के संयोजक सुनील मौर्य ने बताया कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुए भ्रष्टाचार के मामले में नया मोड़ तब आया जब 06 जून 2020 को एक अभ्यर्थी की शिकायत पर सोरांव प्रयागराज के थाने में पैसा लेकर नौकरी न दिलाने यानि धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई। उन्होंने बताया कि इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में 150 पूर्णांक में से 142 नंबर पाने वाला अभ्यर्थी राष्ट्रपति का नाम तक नहीं बता पाया गया है। यही नहीं, भर्ती में भ्रष्टाचार के कथित मुख्य सरगना के.एल. पटेल समेत 11 लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कई लोग अभी भी गिरफ्तारी से दूर है, जिसमें भट्ठा संचालक मायापति दुबे व स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव का नाम प्रमुख है। इसके अलावा मायापति दुबे का भाई प्रधान श्रवण शुक्ला भी अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि इनकी गिरफ्तारी अभी तक इसलिए नहीं हुई हैं क्योंकि इनके ऊपर मंत्रियों का हाथ है। उन्होंने बताया कि मामला उजागर होने के लगभग एक सप्ताह के अंदर ही इस पूरे मसले को एसटीएफ (STF) को सौंप दिया गया लेकिन तब से इसमें कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई (CBI) जांच कराने व परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर लखनऊ खंडपीठ में याचिका भी दायर की गई, लेकिन उसमें भी सरकार अपना पक्ष रखने में देरी कर रही है। इस तरह से संयोजक सुनील मौर्य पीएम मोदी (PM Modi) से इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर कुछ हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।
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