उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (UP 69000 Assistant Teacher Recruitment) के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में सुनवाई हुई। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच में एमआरसी (MRC System) के मुद्दे पर सुनवाई हुई। आज एमआरसी मुद्दे (MRC System) पर लखनऊ बेंच (Lucknow Bench) में लोहा सिंह पटेल की याचिका पर सुनवाई थी। लखनऊ पीठ (Lucknow Bench) में हुई सुनवाई के दौरान जज ने एमआरसी के मुद्दे (MRC System) पर दायर सभी याचिका को एक साथ में टैग कर दिया है।
इस भर्ती में एमआर सी मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में कुल 6 याचिका दाखिल है। आज एमआरसी (MRC System) के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने लोहा सिंह पटेल के साथ में सभी को टैग कर दिया है। बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में भास्कर सिंह यादव (Baskar Singh Yadav) सहित अन्य की तरफ से एमआरसी (MRC System) हटाने को लेकर दायर याचिका दाखिल की गई है। इसके अलावा देवेंद्र कुमार ने भी इस मुद्दे (MRC System) को लेकर याचिका दाखिल की है। इस तरह से अब हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सभी छह केस को एक साथ में टैग कर दिया है।
10 दिनों के अंदर देना होगा सरकार को जवाब
एमआरसी (MRC System) के मुद्दे पर पिछड़ा वर्ग (OBC) और एससी (SC) वर्ग के अभ्यर्थियों की तरफ से तरफ से राहत प्रदान करने के लिए कोर्ट में केस दाखिल किया गया है। इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील जयदीप नरायण माथुर और उपेंद्र नाथ मिश्रा ने अपना पक्ष रखा और उन्होंने बताया कि मेरिट लिस्ट बनाने में जमकर धांधली की गई है। कोर्ट में दाखिल याचिका में बताया गया है कि 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में एमआरसी (MRC) प्रक्रिया को अपनाया गया है, जिसकी वजह से काउंसलिंग में जनरल और ओबीसी (OBC) की मेरिट में कुछ ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। एमआरसी (MRC System) लागू होने की वजह से हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है।
एमआरसी सिस्टम (MRC System) लागू होने की वजह से इस भर्ती में करीब 31 हजार रैंक तक ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन होना था, लेकिन करीब 50 हजार रैंक तक पर भी चयन हुआ है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एमआरसी (MRC System) का हवाला देकर सरकार ने हम लोगों का हक मारा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से भी आरक्षण के नियमों का पूरा पालन करने के लिए कहा गया है, लेकिन इस भर्ती में ऐसा कुछ नहीं गया। अधिवक्ता माथुर का जवाब सुनने के बाद जस्टिस मनीष कुमार ने सरकारी वकील से 10 दिन के अंदर अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में आज सरकारी वकील ने चार सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन जज ने महज 10 दिन के अंदर ही जवाब दाखिल करने के आदेश दिया है।
एमआरसी मुद्दे पर यह लड़ रहे केस
एमआरसी (MRC System) के मुद्दे को कोर्ट ने लोहा सिंह पटेल की याचिका के साथ सभी को टैग कर दिया है। इस मुद्दे (MRC System) पर कोर्ट में अभ्यर्थियों ने अलग-अलग सीनियर वकीलों को खड़ा कर रखा है, इसकी वजह से कोर्ट (Allahabad High Court) ने इसको एकसाथ में टैग किया है। बता दें, इस मुद्दे पर डॉ एलपी मिश्रा, प्रशांत चंद्रा, उपेंद्र नाथ मिश्रा और जयदीप नारायण माथुर जैसे सीनियर वकील लड़ रहे हैं। ऐसे में अब सभी केस को एक साथ में टैग कर दिया गया है। वहीं, कई अभ्यर्थियों ने इस मुद्दे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल कर रखी है। यहां पर वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस वर्मा की तरफ से केस लड़ा जा रहा है।