69000 शिक्षक भर्ती: सुप्रीम कोर्ट से ऑर्डर आने के बाद भी नहीं हो पाएगी भर्ती, जानें क्यों
उत्तर प्रदेश में चल रही 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आरक्षण के मानकों में अनदेखी गई है। अब इसका विरोध शुरू हो गया है और आज दिल्ली में एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) का विरोध करने के लिए सैकड़ों अभ्यर्थी पहुंचें। आज एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) का विरोध कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि किस तरह से आरक्षण में अनदेखी की गई है और एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) के नाम पर अभ्यर्थियों को ठगा गया है।
एमआरसी के नाम अभ्यर्थियों को ठगे जाने का आरोप लगाते हुए इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में शामिल उत्तर प्रदेश के सैकड़ों युवाओं ने दिल्ली में जाकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग पर गौर करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति ने कहा कि आप लोगों के साथ अन्याय नहीं होने पाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं कर दी जाएगी, तब तक भर्ती नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का ऑर्डर आने के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग भर्ती को नहीं कर पाएगा।
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बता दें, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) ने इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में आरक्षण के मानकों के साथ में हुई अनदेखी को देखते हुए स्टे लगा दिया है। अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति ने स्टे तब लगाया है, जब यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी आयोग के बार-बार बुलाने के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे थे।अधिकारियों के अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष के कहने के बाद भी भाग नहीं लिया और जिसका नतीजा यह रहा कि भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर आयोग ने संविधान से प्राप्त अधिकार के हिसाब से स्टे लगा दिया है। वैसे, अभी मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में विचाराधीन होने की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी भर्ती नहीं की है।
आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष लोकेश कुमार प्रजापति ने आज फिर से स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से भले ही ऑर्डर आ जाएं, लेकिन बिना पूरी सूचना उपलब्ध और एमआरसी को हटाएं बिना भर्ती (69000 Assistant Teachers) नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से उपलब्ध कराएं जाने वाले डेटा से जब तक आयोग पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाएगा, तब तक भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर स्टे लगा ही रहेगा।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कटऑफ के मुद्दे पर बहस पूरी हो गई है। कोर्ट ने इस संबंध में ऑर्ड को रिजर्व भी कर लिया है, अब किसी भी दिन इस मुद्दे पर कोर्ट से भर्ती (69000 Assistant Teachers) को लेकर आदेश आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट में केस निस्तारित भले ही हो गया है, लेकिन एमआरसी (MRC) का मुद्दा अभी तक हल नहीं हुआ, इसी वजह से आज हजारों युवा इसका विरोध करने के लिए आयोग कार्यालय (National Commission for Backward Classes Head Office) के सामने पहुंचें।
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सैकड़ों युवाओं ने किया आज प्रदर्शन
इस समय कोरोना काल चल रहा है, लेकिन यूपी शिक्षा विभाग की तरफ से की गई अनदेखी पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए उत्तर प्रदेश से सैकड़ों युवा पहुंचें। आरक्षण बचाने और ओबीसी (OBC) और एससी (SC) वर्ग के साथ में एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) के नाम पर आरक्षण में खिलवाड़ से न्याय पाने के लिए 69 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थी आज दिल्ली पहुंचें थे।
एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अभ्यर्थियों के आह्वावन पर गोरखपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, बस्ती, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, लखनऊ सहित पूरे प्रदेश से अभ्यर्थी आज दिल्ली में राम कृष्ण पुरम् में स्थित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission) के सामने धरना प्रदर्शन करने पहुंचें।
बता दें, 69 हजार शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) के नाम पर जिस तरह से विभाग ने आरक्षण के साथ में खिलवाड़ किया गया है, उसको लेकर प्रदेश के हजारों नौजवानों में आक्रोश व्याप्त है। इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) की ही वजह से प्रदेश के हजारों युवाओं का चयन नहीं हो पाया है।
आज भी प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि आरक्षण प्रक्रिया को सही तरह से न अपनाएं जाने के कारण ही करीब 15 हजारों पिछड़ा वर्ग (OBC) और अनुसूचित जाति वर्ग (SC) के अभ्यर्थियों चयन नहीं हो पाया है। अभ्यर्थियों ने आज फिर से आयोग (National Commission for Backward Classes) को बताया कि इस भर्ती की जारी लिस्ट में जनरल और ओबीसी (OBC) वर्ग की मेरिट में कुछ ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। इन दोनों वर्गों के बीच में मेरिट और कटऑफ में बताया जा रहा है कि महज अंतर दशमलव में रहा है।
इस भर्ती में एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) की वजह से ही महज .40 के अंतर पर ही मेरिट (कटऑफ) गई है। यही नहीं, अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि 68500 शिक्षकों की भर्ती में सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग की 6 हजार सीटों को जनरल अभ्यर्थियों को दिया था, अब उन सीटों को इस भर्ती में जोड़ा भी नहीं गया है।
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आयोग ने 7 जुलाई को लगाया है ब्रेक
उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) पर ब्रेक 7 जुलाई से लगा दिया है। आयोग ने अभ्यर्थियों की शिकायत पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को तलब किया था, लेकिन यूपी से कोई भी अधिकारी कई तारीखों में नहीं पहुंचें। अधिकारियों के न पहुंचनें पर आयोग (National Commission for Backward Classes) के उपाध्यक्ष ने इस भर्ती पर ब्रेक लगा दिया। ब्रेक लगने के बाद आयोग के सामने अधिकारी उपस्थिति हुए और उन्होंने भर्ती का डेटा उपलब्ध कराया, लेकिन आयोग संतुष्ट नहीं हुआ। आयोग (National Commission for Backward Classes) ने अभी भी इस भर्ती पर स्टे को यथास्थिति में बनाकर रखा है। इस तरह से अगर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से ऑर्डर आ भी जाता है, तो शिक्षा विभाग भर्ती नहीं कर पाएगा।
बता दें, उत्तर प्रदेश के हजारों एसआरसी (Meritorious Reserved Candidate) से पीड़ित युवाओं का आरोप है कि सरकार ने हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेशों का भी सही तरह से पालन नहीं किया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश का ही हवाला दिया जा रहा है, जबकि सरकार की तरफ से ही इसको गलत तरीके से लगाया गया है। यही नहीं, इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में MRC के आदेश को तोड़ मरोड़ कर पेश किया और गलत तरीके से चयन सूची को बनाया गया है। एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) को लेकर वर्ष 2019 में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से जो आदेश आया था, वह इस भर्ती पर अप्लाई नहीं होता है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार को एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) को अप्लाई ही करना था, तो इस आदेश के अनुसार इसको सिर्फ Cadder Allotmnet या District Allotment में ही लगा सकते हैं, लेकिन इसी के आधार पर चयन नहीं कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने एमआरसी (Meritorious Reserved Candidate) को भर्ती चयन में ही लगा दिया है। जिससे आरक्षित वर्ग के हाई मेरिट वाले कैंडिडेट को भी अनारक्षित में जाने से रोक दिया गया है।
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