3900 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भरने को मिली मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार (up government) ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) में असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के रिक्त पदों को भरने का रास्ता साफ कर दिया है। प्रदेश सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 3900 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) को हरी झंडी दे दी है। भर्ती उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (up higher education service commission) करेगा और उसे सात दिन के भीतर रिक्तियों की सूचना भेज दी जाएगी।
अधियाचन (रिक्तियां) प्राप्त होने के बाद उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग (up higher education service commission) विज्ञापन निकालकर आवेदन की प्रकिया को आरंभ कर देगा। वर्तमान में सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) में असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के 4600 पद रिक्त हैं। पहले चरण में 3900 पदों को भरने की प्रक्रिया होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education), उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग (up higher education service commission) को विषयवार रिक्ति की सूचना देगा।
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43 विषयों के हैं 3900 पद
असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के जिन पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है, वे 43 विषयों (43 subjects) के हैं। इसी साल फरवरी के पहले हफ्ते उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) ने शासन (up government) से उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) में रिक्त 3900 पदों को भरने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद कोरोना (corona) संकट और लॉकडाउन (lockdown) लगने पर यह प्रकिया ठंडे बस्ते में डाल दी गई। अनलॉक (unlock) लागू होने के बाद फिर से इस पर विचार हुआ। पिछले दिनों शासन ने आयोग को पत्र भेजकर पूर्व में हुई नियुक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी थी।
इसका जवाब जून माह में शासन को भेज दिया गया। निदेशालय (directorate of higher education) की तरफ से कहा गया था कि शासन स्तर पर नए आयोग के गठन की प्रक्रिया चल रही है। इस कारण रिक्त पदों को भरने की अनुमति मांगी गई थी। इसके पूर्व में भर्ती के लिए कोई पत्र नहीं भेजा गया था। अगर शासन अनुमति दे तो भर्ती के लिए रिक्तियों की सूचना आयोग को भेज दी जाए। वर्तमान में कुछ पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है जिसकी शुरुआत चार वर्ष पूर्व हुई थी।
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चिट्ठी मिलने के बाद दी अनुमति
उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) का जवाब मिलने के बाद शासन स्तर पर इसको लेकर मीटिंग हुई। इसके बाद असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के रिक्त 3900 पदों को भरने की अनुमति दे दी गई। यह आदेश उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) को 6 जुलाई को प्राप्त हुआ। इसके बाद रिक्तियों की जानकारी आयोग को भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। इस काम में एक हफ्ते से भी कम समय लगेगा।
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अब तक की सबसे बड़ी भर्ती
उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) में असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के रिक्त पदों पर भर्ती की सबसे बड़ी प्रक्रिया शुरू कर रहा है। अब तक एक साथ इतने अधिक पदो को भरने की प्रक्रिया कभी नहीं हुई। इससे पूर्व विज्ञापन संख्या 46 के तहत 45 विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के 1652 पदों को भरा गया था। यह प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।
इसके बाद विज्ञापन संख्या 47 को जारी कर भर्ती प्रक्रिया को आरंभ किया गया। यह भर्ती 35 विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के 1150 पदों को भरने के लिए आरंभ हुई। यह प्रक्रिया अभी पूर्ण नहीं हुई है। विज्ञापन 47 के तहत पदों को भरने की प्रक्रिया वर्ष 2016 में आरंभ हुई थी। इसके बाद से सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) में असिस्टेंट प्रोफेसर (assistant professor) के रिक्त पदों को भरने की कोई प्रकिया आरंभ नहीं हुई।
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रिक्तियों को कराया जा रहा क्रॉस चेक
शासन से भर्ती प्रक्रिया की मंजूरी मिलने के बाद पूर्व में प्राप्त हुए अधिचायन (रिक्तियों की संख्या) को क्रॉस चेक करवाया जा रहा है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) ने जिन पदों के लिए अधियाचन भेजे हैं, वह नियमानुसार सृजित हुए हैं कि नहीं। अगर पद नियमानुसार गठित नहीं किए गए होंगे तो पदों की संख्या में कटौती भी हो सकती है।
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आरक्षण की स्थिति का भी लगाया जा रहा पता
उच्च शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) रिक्त पदों में आरक्षण की स्थिति का भी पता लगा रहा है। कितने पद आरक्षित (reserve) वर्ग हैं और कितने सामान्य के, इसकी डिटेल पता करने के लिए एक टीम गठित कर दी गई है। निदेशालय चाहता है कि भर्ती आरक्षण (reservation) के नियमों के अनुसार ही हो ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद न उत्पन्न हो। आरक्षण (reservation) व अन्य तकनीकी कारणों को लेकर राज्य सरकार की कई भर्तियां अधर में लटकी हुई हैं।
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प्रतियोगी छात्रों को था इंतजार
प्रतियोगी छात्र भर्ती प्रक्रिया के जल्द ही आरंभ होने की छह महीने से आस लगाए हुए थे। सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों (aided degree colleges) में रिक्त पदों की संख्या जुटाने की प्रक्रिया पिछले साल ही आरंभ हो गई थी। इसके बाद से ही प्रतियोगी छात्रों की नजर इस पर लगी थी। शिक्षा निदेशालय (directorate of higher education) की तरफ से शासन को पत्र तो भेजा गया, लेकिन इस पर कोरोना (corona) का ग्रहण लग गया। अब शासन से मंजूरी मिलने के बाद प्रतियोगी छात्रों में आस जगी है। कंप्टीशन बहुत टफ रहने वाला है। अभ्यर्थियों की संख्या लाखों में पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है।
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