भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने उत्तर प्रदेश के 20 आयुष कॉलेजों को इस सत्र में कोर्स चलाने की मान्यता नहीं दी। तीन यूनानी मेडिकल कॉलेज और 17 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज शैक्षिक सत्र 2024-25 में दाखिले नहीं ले सकेंगे। इन आयुष कॉलेजों को इस सत्र में मान्यता न मिल पाने के कारण 1390 सीटें कम हो गई। इन्हें मानक के अनुसार फ़ैकल्टी व अन्य मूलभूत सुविधाएं न होने के कारण मान्यता नहीं मिली। वर्तमान सत्र में आयुष कॉलेज में 7414 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जिन तीन निजी यूनानी मेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर रोक लगाई गई है उनमें मुजफ्फरनगर के अल्लामा इकबाल यूनानी मेडिकल कॉलेज और संभल के हाकिम रईस यूनानी मेडिकल कॉलेज व शाम-ए-गौसिया अल्पसंख्यक यूनानी मेडिकल कॉलेज शामिल है।
वहीं जिन 17 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज को इस सत्र में कोर्स चलाने की मान्यता नहीं मिली है उनमें गवर्नमेंट आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अतर्रा बांदा के अलावा 16 निजी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में संतुष्टि आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज मिर्ज़ापुर, एफएस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज फ़िरोज़ाबाद, केवीएस आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज गाजीपुर, बाबा विश्वनाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज आजमगढ़, जेडी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अलीगढ़, पसिफिक कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर गोरखपुर, केवी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज आगरा, डॉ अनार सिंह आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज फ़र्रुखाबाद, शाम-ए-गैसीया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज गाजीपुर, शांति इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज बलिया, संजीवनी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज अमरोहा, डॉ विजय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज वाराणसी, एसएनके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज गाजीपुर, एएनके आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज बरेली, और प्रेम रघु आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज हाथरस शामिल है। इन आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी कोर्स की कुल 1220 सीटें थी।
चार नए कॉलेजों को मिली मान्यता
शैक्षिक सत्र 2024-25 में जिन चार नए आयुर्वेदिक कॉलेजों को मान्यता मिली है। कानपुर के महारणा प्रताप कॉलेज ऑफ आयुर्वेद एंड मेडिकल कॉलेज को बीएएमएस की 90 सीटों पर प्रवेश लेने की मान्यता है।