अरुण का स्टार्टअप कैफे बना छोटे कारोबारियों का बड़ा सहारा
नया कारोबार शुरू करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। रुपया और संसाधन जुटाने में होने वाली दिक्कत के चलते ही कई लोग अपना काम शुरू नहीं कर पाते। ऐसे लोगों के लिए इस खबर को पढ़ना जरूरी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक को-वर्किंग स्पेस की शुरुआत की गई है। जहां लोगों को उद्योग लगाने के लिए हर संसाधन मुहैया कराया जाता है। इस 'स्टार्टअप कैफे' को शुरू करने वाले अरुण गुप्ता इन दिनों सोशल मीडिया पर भी जमकर वाहवाही बटोर रहे हैं।
गोरखपुर के ही रहने वाले अरुण गुप्ता ने 'इंडियावेव' को बताया कि वे हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने देखा कि छोटे शहरों में संसाधनों की कमी के चलते लोग कारोबार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। बस, नये कारोबारियों की इस समस्या को समाधान करने के लिए ही उन्होंने 'स्टार्टअप कैफे' को स्थापित करने का ख्वाब देख डाला। फिर कहते हैं न कि 'जहां चाह, वहां राह' की तर्ज पर अरुण ने अपना सपना सच कर दिखाया। आज उनकी इस कोशिश से कई लोग कारोबारी बनने की हसरत पूरी कर रहे हैं। वहीं, अरुण को इस कामयाबी के लिए सोशल मीडिया पर सराहा जा रहा है। बता दें कि यह पूर्वांचल का पहला को-वर्किंग स्पेस है।
एक छत के नीचे पाएं सारी सुविधाएं
इस बाबत अरुण बताते हैं, रुपये के अभाव से लोग अपना व्यापार की शुरुआत नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें ऑफिस बनवाने और उसे मैनटेन करने में ही लाखों रुपये लग जाते हैं। ऐसे में मेरा यह स्टार्टअप कैफे नये कारोबारियों की ऐसी ही समस्याओं का समाधान है।' वे बताते हैं, 'मेरा यह आइडिया अब गोरखपुर के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। फ्रीलांसर और छोटे उद्यमियों के लिए यह एक उम्मीद की किरण सा साबित हो रहा है।' शहर के विजय चौक पर बने इस स्टार्टअप कैफे के बारे में वे बताते हैं कि यहां एक ही छत के नीचे नए प्रोफेशनल्स और स्टार्ट उप के लिए सबकुछ मुहैया कराता है जो उन्हें ज्यादा कीमत देने पर भी नहीं मिलता।
कम खर्च में दिला रहे मंजिल
इसमें कोई दो राय नहीं है कि गोरखपुर जैसे शहर के लिए यह योजना बिलकुल नई है। अभी तक को-वर्किंग स्पेस का चलन बड़े महानगरों तक ही सिमित था। गोरखपुर में इस अकल्पनीय काम को करने वाले 30 वर्षीय अरुण गुप्ता का मानना है कि स्टार्टअप कैफे में वे लोगों को कम खर्च में काम करने के लिए जगह मुहैया कराने के साथ-साथ अच्छी सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।
विदेशों में भी बटोर रहे सुर्खियां
गोरखपुर में हुई इस नई शुरुआत के बारे में उन्होंने बताया, 'कुछ दिन पहले केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने ट्वीटर हैंडल से इस को-वर्किंग स्पेस का जिक्र किया। उन्होंने इस काम को साकार करने के लिए मुझे बधाई भी दी।' वे आगे बताते हैं कि कुछ ही देर में मेरी इस पहल को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा बढ़ने लगी। कुछ ही देर में इसकी चर्चा विदेशों में भी होने लगी। बता दें कि अरुण ने अपनी 12वीं तक की शिक्षा गोरखपुर से ग्रहण की है। उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई एनीमेशन के क्षेत्र में की। एनीमेशन के फील्ड में पोस्ट ग्रेजुएट अरुण ने बहुत पहले 2010 में ही अपनी खुद की एनीमेशन कंपनी भी बनाई।
आइए जानें इस स्टार्टअप कैफे की खूबियां
उन्होंने बताया कि स्टार्टअप कैफे की सीटिंग कैपेसिटी लगभग 50 लोगों की है। यहां पर आपको अपना ऑफिस मात्र 4999 रुपये महीना देने पर मिल सकता है। यहां पर लोगों को बिजली, हाई स्पीड इंटरनेट, प्रिंटर, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग फैसिलिटी के साथ मीटिंग रूम, एयरकंडीशंड ऑफिस व कैफेटेरिया भी मिलता है। साथ ही, कंपनी रजिस्ट्रेशन, जीएसटी रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं। यही नहीं अगर आपको एक दिन के लिए कॉन्फ्रेंस रूम चाहिए तो वह भी उपलब्ध है। इसका किराया मात्र 499 रुपये है। एक दिन के लिए ऑफिस चाहिए तो वह भी उपलब्ध है मात्र 299 रुपये में। यहां वाईफाई सुविधा मुफ्त दी जाती है।
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