यूपी बॉर्डर पर पैदल आ रहे मजूदरों को सुरक्षित घर पहुंचाएगी योगी सरकार
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की। इस दौरान सभी ट्रेनें व बसों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई। इससे दूर शहर में रह रहे लोगों की वापसी में दिक्कतें आ गई।
बसें व ट्रेनें बंद होने के बाद लोग पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल पड़े। ऐसे में कई सारी तस्वीरें भी सामने आईं जिसमें कई-कई किलोमीटर तक मजदूर पैदल चलते दिखे। अब योगी सरकार ने इसे संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर पैदल आ रहे मजदूरों और कर्मकारों के लिए मानवीय आधार पर विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके भी ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दृष्टिगत मानवीय आधार पर प्रदेश के बॉर्डर पर पैदल आ रहे व अन्य राज्यों को पैदल जाने वाले मजदूरों व कर्मकारों हेतु संबंधित अधिकारियों को भोजन, पानी की व्यवस्था व स्वास्थ्य सम्बन्धी पूरी सावधानी बरतते हुए सबको सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने उत्तराखंड के सीएम टीएस रावत और बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से भी इस बारे में चर्चा की। बिहार जाने वाले सभी लोगों का पूरा ख्याल रखा जाएगा और सभी को सुरक्षित उनके गंतव्य जगह पर पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने वाराणसी सहित प्रदेश के अलग-अलग तीर्थ स्थानों पर फंसे अन्य राज्यों के तीर्थ यात्रियों के लिए भी भोजन व सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
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अधिकारियों की 11 कमेटियां बनाईं जाएंगी
मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के द्वारा दिहाड़ी मजदूरों व रोज कमाकर खाने वाले वर्ग के लिए सहायता पहुंचाने के लिए, मीडिया को सही जानकारी देने व प्रदेश में कंट्रोल रुम बनाने के लिए 11 अधिकारियों की कमेटी बनाई है।
इससे पहले भी एक हजार रुपए की मदद-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन में मजदूरों का दैनिक खर्चा चलाने के लिए पहले भी उन्हें एक हजार रुपये (प्रत्येक व्यक्ति) देने की घोषणा की थी। 15 लाख दिहाड़ी मजदूर और 20.37 लाख निर्माण श्रमिकों को ये मदद दी जानी थी जिससे उनकी जरूरतें पूरी हो सकें। योगी ने प्रदेश को संबोधित करते हुए ये कहा था कि राज्य में 15 लाख दिहाड़ी मजदूर पंजीकृत हैं, उन्हें 1000 रुपये की मदद दी जाएगी। साथ ही चिन्हित 20.37 लाख मजदूरों (रिक्शा वाले, खोमचे वाले, रेहड़ी वाले, फेरी वाले, निर्माण कार्य करने वाले) को भी 1000 रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
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बीपीएल परिवारों को मुफ्त में मिलेगा राशन
प्रदेश सरकार ने बीपीएल 1.65 करोड़ परिवारों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। इन सभी परिवारों को 20 किलो गेहूं, 15 किलो चावल मुफ्त में दिया जाएगा जिससे ये भूखे न रहें। ये राशन पीडीएस दुकानों के जरिए बांटा जाएगा। मुख्यमंत्री ने ये भी स्पष्ट कर दिया था कि बाजार में किसी चीज की किल्लत नहीं होगी। सरकार के पास हर जरुरी सामान का स्टॉक है इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।
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