जानिए कोरोना के संकट को कम करने के लिए अलग-अलग धर्म के गुरूओं की क्या है सलाह
कोरोना से इस समय पूरी दुनिया ही परेशान हैं, वैश्विक महामारी बन चुकी इस बीमारी ने निपटने के लिए हर कोई अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। सरकार ने जहां पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया है वहीं डॉक्टर, पुलिस, सफाईकर्मी सभी देश की इस आपदा में मदद करने को तत्पर हैं।
इस समय कोई भी धर्म हो या मजहब हर कोई सिर्फ देश को इस आपदा से बचाने के लिए ही प्रार्थना कर रहा है। अलग-अलग धर्म के जानकार कोरोना से निपटने के लिए भले ही अलग-अलग सलाह दे रहे हैं कोई पाठ करने को कह रहा है तो कोई नमाज में दुआ करने की बात कर रहा है लेकिन सभी का मकसद सिर्फ एक ही है कोरोना से देश को जल्द से जल्द छुटकारा दिलाना।ये अलग-अलग धर्म से जुड़े धर्मगुरू लोगों को सरकार की बातें मानने और सफाई के तरीके अपनाने के प्रति भी जागरूक कर रह रहे हैं।
कोरोना के ये लक्षण नजर आएं तो यहां करें कॉल, परिवार वालों का ऐसे करें बचाव
हनुमान बाहुक का पाठ दिलाएगा रोगों से मुक्ति
अयोध्या के महंत राजू महाराज ने रामायण की एक कथा का सार बताते हुए कहा कि तुलसीदास को एक बार भयंकर पीड़ा हुई थी और कई वैद्य और बूटियों के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली थी। तुलसीदास ने स्वप्न में हनुमान जी को देखा और हनुमानबाहुक की रचना की। इसके पाठ से हर तरह के रोग और पीड़ा से निजात मिलती है।
इस समय भी लोगों को अपने घरों में रहकर हनुमानबाहुक का पाठ करना चाहिए जिससे रोगों और कष्ठ से निजात मिलने में निश्चित रूप से राहत मिलेगी। राजू महाराज ने सोशल मीडिया पर चले रहे मैसेजस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि लोग कह रहे हैं मंदिर से अच्छा अस्पताल बनवाते आज वही काम आ रहे हैं तो ऐसे में एक बात याद दिला दूं कि ईश्वर की ताकत ही सबसे बड़ी है वरना इटली स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में दुनिया भर में नम्बर दो पर है फिर भी वहां हालात काबू से बाहर हैं और लोग मर रहे हैं। हमारा देश अभी भी नियंत्रण में है इसलिए नवरात्र शुरू हो गए हैं अपने घरों में रहकर पूजा, पाठ, हवन करें और हनुमान बाहुक का पाठ करें जिससे जल्द ही ये विपत्ति दूर होगी। सरकार के आदेश का पालन करते हुए घर में ही रहे किसी मंदिर में न जाए, ई्श्वर हर जगह है वो आपकी प्रार्थना हर कहीं से सुनेगा।
कोरोना वायरस की वजह से टल सकता है आईपीएल 2020
दुआएं पढ़ने से मिलेगी राहत
लखनऊ के मौलाना रिजवान ने बताया कि ये सब भी ऊपर वाले की ही रजा है तो इससे बचने के लिए भी हमें उसी से दुआ करनी होगी। सबसे पहले तो जो बताये जा रहे हैं वो एहतियात बरतने की सबसे ज्यादा जरूरत है। सरकारें जो भी आदेश दे रही हैं, घर में रहने और हाथों को धोने की उसको अपनाएं ये आपकी मदद करेंगी इस बीमारी से बचने में। इसके अलावा मौलाना साहब ने ये भी कहा कि ये बात सच है कि नमाज का जो सही तरीका है आदमियों के पढ़ने का वो मस्जिद में ही जाकर है, उसकी एहमियत ज्यादा होती है। लेकिन अगर मुल्क में ऐसे हालात आ जाएं कि कोई बीमारी या जान का खतरा बन पड़े तो ये भी कहा गया है कि मस्जिद के बजाय घर में भी नमाज पढ़ी जा सकती है। इस आर्डर हमारे औलामा दे चुके हैं कि अब लोग नमाज अपने-अपने घरों में ही पढ़ें।
इस्लाम में तो पहले से ही दुआएं बताई गई हैं वो इन्हीं हालातों के लिए हैं। जैसे अभी हमारे यहां जो सुबह यानि फ़जर की नमाज होती है उसमें एक दुआ बहुत कीमती होती है लोग नमाज में उसे बकायदा पढ़ रहे हैं, इसे कुनौतेनाजिला कहते हैं। ये दुआ इस समय पढ़ी जा रही है कि हिंदुस्तान पर जो इस समय परेशानी आई है अल्लाह उससे उबारने में हमारी मदद करे।
कैसे होती है कोरोना की जांच, कैसे लिया जाता है सैम्पल, कितने दिन में आती है रिपोर्ट?
सिख धर्म पूरे विश्व के कल्याण की दुआ करता है
सिख धर्म इस महामारी से निपटने के लिए क्या सीख देता है ये पूछने पर गुरू ज्ञान सिंह ने बताया कि“नानक नाम चढ़दी कलां, तेरे भाणे सरबत दा भला”। सरबत दा भला का मतलब होता है, सभी का कल्याण, हर किसी को आशीर्वाद या सभी के लिए अच्छा हो। एक सच्चा सिख हमेशा पूरी दुनिया के सभी प्राणियों के लिए दुआ करता है न कि सिर्फ अपने लिए।
इस समय जो हालत है जो बीमारी फैली है उसके लिए भी सिर्फ देश को ही नहीं पुरी दुनिया को संभलने की जरूरत है क्योंकि ये एक दूसरे से ही हुई हैं। इसलिए इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है अपने से ज्यादा दुसरों का ध्यान देने की। अपने घर में रहकर गुरबानी पढ़ें और ऊपर वाले से दुआ करें कि हम सभी को इस मुसीबत से जल्द से जल्द निकाले। सिख अपने फलसफे को स्वीकारते हुए सरबत के भले की अरदास करता है। मदद करना ही सिख कौम का फर्ज है इसलिए गुरूद्वारों को जरूरत पड़ने पर मरीजों के लिए खाली किया जाएगा। कई जगह ये होने भी लगा है। इसके अलावा सिख पंथ में वहम पालने की कोई जगह नहीं है, इसलिए सभी को आदेश है कि अफवाहों से बचें और अकाल पुरख पर भरोसा रखें।
ये भी पढ़ें: देखें, राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी कुछ दुर्लभ तस्वीरें
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...