भारत आस्थाओं और परंपराओं का देश है, जहाँ पूजापाठ की शैली और चढ़ावे का तरीका भी अनोखा है। कुछ मंदिर तो ऐसे हैं जहाँ न केवल पूजा की विधि अलग होती है, बल्कि चढ़ाए जाने वाले प्रसाद भी सामान्य से बिल्कुल अलग होते हैं। आइए जानते हैं भारत के कुछ ऐसे प्रमुख मंदिरों के बारे में, जहाँ पर अजीबो-गरीब चढ़ावे के रूप में प्रसाद चढ़ाए जाते हैं।
1. करणी माता मंदिर, राजस्थान
राजस्थान के बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है करणी माता का मंदिर, जो जगदम्बा माता का अवतार मानी जाती हैं। यह मंदिर ‘चूहों का मंदिर’ या ‘मूषक मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ लगभग 25,000 चूहे रहते हैं जिन्हें ‘काबा’ कहा जाता है। इन चूहों को मंदिर में विशेष स्थान प्राप्त है और इन्हें आशीर्वाद के रूप में माना जाता है। यहाँ की सबसे खास बात यह है कि इन चूहों को कई तरह के पकवान प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाते हैं, जो बाद में भक्तों में बांटे जाते हैं।
2. काल भैरव मंदिर, उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में शिप्रा नदी के किनारे स्थित काल भैरव मंदिर में पिछले 40 वर्षों से शराब को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। भक्त यहाँ व्हिस्की, रम, और वोडका लेकर आते हैं और इसे भगवान को अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इससे काल भैरव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। यहाँ का प्रसाद शराब के रूप में भक्तों को दिया जाता है, चाहे वह पुरुष हो, महिला या बच्चे। यह अनूठी परंपरा इस मंदिर को और भी खास बनाती है।
3. चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता के टंगरा इलाके में स्थित चाइनीज काली मंदिर भी अपनी खास पूजा-पद्धति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ प्रसाद के रूप में नूडल्स, चॉप्सी, और चाइनीज खाने के अन्य प्रकार चढ़ाए जाते हैं। यह मंदिर 20 साल पहले बंगाली और चीनी समुदाय द्वारा मिलकर बनाया गया था। यहाँ की विशेषता यह है कि भक्तगण मिठाई के बजाय चाइनीज भोजन देवी को अर्पित करते हैं, जो बाद में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
4. मुरुगन मंदिर, केरल
केरल के अल्लेप्पी शहर के बाहर सुब्रह्मण्यपुरम में स्थित मुरुगन मंदिर में चढ़ावे के रूप में चॉकलेट चढ़ाने की परंपरा है। भगवान मुरुगन, जो शिव और पार्वती के पुत्र माने जाते हैं, उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्तगण चॉकलेट अर्पित करते हैं। खासकर परीक्षा के समय बच्चों की भीड़ यहाँ विशेष रूप से देखी जाती है, जो भगवान से आशीर्वाद के रूप में चॉकलेट चढ़ाते हैं।
5. पानी की बोतल मंदिर, गुजरात
गुजरात के पाटन से मोढेरा जाने वाले मार्ग पर स्थित इस मंदिर में लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर पानी की बोतल चढ़ाते हैं। इस मंदिर की स्थापना एक दुर्घटना के बाद हुई थी, जिसमें दो बच्चों की प्यास से मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उन बच्चों को देवता मानकर एक छोटा सा मंदिर बनाया और वहाँ पूजा शुरू कर दी। आज यह मंदिर आस्था का प्रतीक है और लोग पानी की बोतल चढ़ाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
6. मथुरा का बांके बिहारी मंदिर
मथुरा का बांके बिहारी मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। यहाँ की एक विशेषता यह है कि यहाँ श्रद्धालु भगवान को विशेष रूप से मिश्री और पेड़े चढ़ाते हैं। मिश्री की मिठास का मतलब भगवान की कृपा का प्रतीक माना जाता है, और पेड़े विशेष रूप से भगवान कृष्ण की पसंदीदा मिठाई मानी जाती है।
7. वाराणसी का संकट मोचन मंदिर
वाराणसी का संकट मोचन मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। यहाँ चढ़ावे के रूप में भक्त विशेष रूप से बनारसी पान अर्पित करते हैं। बनारसी पान का विशेष स्वाद और खुशबू भगवान हनुमान को प्रिय माना जाता है और इसे भक्तों के लिए भी एक शुभ संकेत माना जाता है।
भारत के इन मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद और पूजा की विधि न केवल अनोखी है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक मान्यताओं का अद्भुत उदाहरण भी है।