समय का माप मानव सभ्यता के विकास की महत्वपूर्ण कड़ी रहा है। प्राचीन काल से लेकर आज की स्मार्ट वॉच तक, घड़ी का सफर न केवल तकनीकी विकास का प्रतीक है, बल्कि समय की समझ को बेहतर बनाने की कहानी भी है।
(Sun Dial)सूर्य घड़ी: सूर्य की किरणें बताती थी समय
घड़ी के इतिहास की शुरुआत सूर्य घड़ी से होती है। इसे प्राचीन मिस्र की सभ्यता का पहला वैज्ञानिक आविष्कार माना जाता है। इसमें सूर्य की छाया से समय का अनुमान लगाया जाता था। हालांकि, यह घड़ी बादल होने पर काम नहीं करती थी। आज भी सूर्य घड़ी को प्राचीन ज्ञान और तकनीक का प्रतीक माना जाता है।
(Sand Clock)रेत घड़ी: रेत के जरिए पता चलता था समय
रेत घड़ी का आविष्कार कब हुआ, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कहा जाता है कि अरब में इस तकनीक की शुरुआत हुई। इसमें कांच के दो बर्तनों के बीच रेत बहाकर समय का अनुमान लगाया जाता था। यह घड़ी मुख्य रूप से मध्यकालीन समय में प्रचलित थी।
(Water Clock)जल घड़ी: बूंद-बूंद से बना समय
16वीं शताब्दी में जल घड़ी का उपयोग होने लगा। इसमें पानी की बूंदों से समय मापा जाता था। यूनान में अलार्म वाली जल घड़ियां भी बनाई गईं, जो पानी गिरने पर घंटी बजाती थीं। हालांकि, पानी के प्रवाह को स्थिर रखने की कठिनाई इसकी बड़ी कमजोरी थी।
(Clock Tower)घंटाघर: समय बताने का सार्वजनिक तरीका
जल घड़ी के बाद घंटाघरों का दौर आया। 18वीं शताब्दी में यूरोप में राजाओं और चर्चों ने घंटाघर स्थापित किए। ये सार्वजनिक समय बताने के लिए उपयोगी थे। भारत के लखनऊ, हैदराबाद जैसे शहरों में आज भी ऐतिहासिक घंटाघर मौजूद हैं।
पॉकेट वॉच: अमीरों का शौक हुआ करती थी
घंटाघर के समय में पॉकेट वॉच का चलन शुरू हुआ। ये मुख्य रूप से अमीर वर्ग के लिए बनाई जाती थीं। फ्रांस और स्विट्जरलैंड के कारीगरों ने लकड़ी की घड़ियां बनाकर इसे लोकप्रिय बनाया।
(Wrist Watch)कलाई घड़ी: समय और फैशन का संगम
पॉकेट वॉच के बाद कलाई घड़ी का दौर आया। 20वीं शताब्दी में ये घड़ियां न केवल समय बताने के लिए बल्कि फैशन का प्रतीक बन गईं। कई बड़े ब्रांड्स ने इनकी डिजाइन में नयापन लाकर इसे हर वर्ग तक पहुंचाया।
इलेक्ट्रॉनिक घड़ी: जापान ने बनाई थी पहली घड़ी
जापान ने पहली इलेक्ट्रॉनिक घड़ी बनाई, जिसमें समय अंकों में दिखता था। इसके बाद इस क्षेत्र में तेजी से तकनीकी विकास हुआ और डिजिटल घड़ियां आम हो गईं।
स्मार्ट वॉच: समय के साथ सेहत का ध्यान
आज स्मार्ट वॉच का दौर है। ये घड़ियां समय बताने के साथ-साथ दिल की धड़कन, कैलोरी बर्न, कदमों की संख्या, कॉल और मैसेज नोटिफिकेशन जैसी सुविधाएं भी देती हैं।
घड़ी का इतिहास समय मापने के साधनों के विकास की कहानी है। यह सिर्फ समय बताने का यंत्र नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की प्रगति का प्रतीक है। चाहे सूर्य घड़ी हो, जल घड़ी या स्मार्ट वॉच, हर युग की घड़ी ने मानव जीवन को व्यवस्थित और सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।