घूमने-फिरने की बात हो तो राजस्थान को जरूर याद किया जाता है। खासतौर पर बरसात के मौसम में जयपुर शहर की खूबसूरती में चार-चांद लग जाते हैं। बारिश का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में लोग जयपुर के किले और महलों को देखने जरूर जा रहे हैं। अगर आप भी मानसून में जयपुर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको यहां का एक महल जरूर देखना चाहिए। इसका नाम है जल महल।
बेहद सुंदर है जयपुर का जल महल
जयपुर के जल महल मानसागर झील में बना है। यह सुंदर महल पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है। आपको बता दें जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में बतख शूटिंग भ्रमण के दौरान जल महल का निर्माण शिकार लॉज के रूप में करवाया था। बाद में महाराजा जय सिंह द्वितीय ने 18 वीं शताब्दी में महल का नवीनीकरण करवाया। वर्तमान समय में भी जल महल में नवीनीकरण का कार्य चल रहा हैं इसलिए महल के अंदर पर्यटकों की अभी एंट्री बंद है।
क्यों खास है जल महल?
जल महल का पाल भी बहुत खास है, जहां से लोग इस महल को देखते हैं। इस पाल पर ही जयपुर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मनोरंजन के डेरों साधन है। खासकर ऊंट की सवारी, घोड़े की सवारी और साथ ही यहां शाम के समय नाइट मार्केट, खाने पीने की मिनी चौपाटी लोगों को खूब लुभाती है। यहां पर्यटकों के लिए हैंडीक्राफ्ट, लाइफ स्टाइल और फैशन की दुकान मौजूद हैं। रात के समय में यहां कल्चर नाइट, जादू का खेल, राजस्थानी डांस, कठपुतली डांस, राजस्थानी लोक-गीत, ढोल-नगाड़े के साथ राजस्थानी फोक डांस में कालबेलिया डांस, भवाई डांस, चरी डांस, कच्ची घोड़ी होते हैं, जो लोग पसंद करते हैं।
पर्यटकों की लगती है भारी भीड़
आपको बता दें बारिश के मौसम में जल महल की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं। यहां का नजारा सबसे सुंदर होता है इसलिए बारिश के मौसम में स्थानीय लोगों और पर्यटकों की पहल पसंद बन जाता हैं। जयपुर का जल महल देखने के लिए आप भी कम खर्च में ट्रिप प्लान कर सकते हैं। कई सारी ट्रेन और बस जयपुर के लिए चलती हैं।
चलिये जल महल के बारे में जानते हैं कुछ रोचक बातें
जल महल का निर्माण राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली को मिलाकर बनाया गया था। यह संपूर्ण संरचना लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। जल महल भारत के अन्य जल महलों की तरह किसी द्वीप पर नहीं बना है। इस इमारत की पांच में से चार मंजिलें झील के पानी में डूबी हुई हैं। पानी के ऊपर केवल 1 मंजिल दिखाई दे रही है।
माना जाता है कि जल महल का निर्माण सूखे के दौरान किया गया था। इसलिए यह महल सामान्य स्थिति में बनाया गया था। जब इसे पहली बार बनाया गया था, तो पूरी संरचना स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी। यह थोड़ा आश्चर्य की बात है, लेकिन महल के अंदर किसी भी कोने से पानी का रिसाव नहीं होता है। महल बहुत मजबूत पत्थरों से बनाया गया है और इसकी दीवारें इतनी मोटी बनाई गई हैं कि इसके अंदर पानी का रिसाव न हो। कुछ सुरक्षा कारणों से पर्यटकों को इस महल के अंदर जाने की अनुमति नहीं है। इस महल को आप थोड़ी दूरी से देख सकते हैं।
पुरानी कहानियों के अनुसार इस महल का निर्माण निवास के रूप में किया गया था। जब राजपरिवार बत्तख के शिकार के लिए आता था तो इसी महल में रुकता था। एक समय यह महल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था जिसके कारण इसकी कई बार मरम्मत करानी पड़ी ताकि पानी जमा होने की कोई समस्या न हो और यह संरचना अपनी मूल सुंदरता के साथ बरकरार रह सके। जल महल की खूबसूरती के अलावा यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र, प्रवासी पक्षियों का आगमन भी है। यह जयपुर में आमेर महल के पास स्थित है।