तुम्बाड...लालच के आगे मौत आपका इंतजार कर रही है

तुम्बाड को देखने और महसूस करने लायक फिल्म बनाने का काम राही अनिल बर्वे की टीम ने कर दिखाया है।
निर्देशक-राही अनिल बर्वे
निर्माता-सोहम शाह, आनंद एल राय, मुकेश शाह, अमिता शाह
स्टार कॉस्ट-सोहम शाह और मोहम्मद समद के लिए एक्टिंग ही पूरी फिल्म की जान है। दोनों आप को निराश नहीं करते हैं। इसके अलावा ज्योति मालसी, अनीता दाते, रजनी चक्रबर्ती और धुंधीराज प्रभाकर जोगलेकर को जितना काम करने को मिला, उसे उन्होंने निभाया है।
फिल्म अवधि-1 घंटा 53 मिनट
अगर इस सप्ताह आप किसी अलग तरह की मूवी देखने का इंतजार कर रहे हैं। तो ये इंतजार आपका तुम्बाड को देखने के साथ पूरा हो सकता है। तुम्बाड के निर्देशक राही अनिल बर्वे ने जो फैंटसी, हॉरर और पीरियड सिनेमा का कॉकटेल आपको पर्दे पर आपको दिखाई है, उसे देखकर आप रोमांचित हो सकते हैं। तुम्बाड को देखने और महसूस करने लायक फिल्म बनाने का काम राही अनिल बर्वे की टीम ने कर दिखाया है। फिल्म के निर्माता और अभिनेता सोहम शाह से आप परिचित ही होंगे और अगर नहीं है तो याद कीजिए बाबर, तलवार, क्वीन जैसी फिल्मों को जिसमें उन्होंने किरदार निभाया है। इस फिल्म को आप सोहम शाह की एक्टिंग के लिए भी देख सकते हैं। इस मूवी को देखने के लिए मैंने 180 रुपये खर्च किए हैं। अगर आपको कहीं कम रेट पर भी टिकट मिलता है तो देख सकते हैं।
कहानी- आजादी के पहले की इस कहानी को चार लेखकों मितेश शाह, आदेश प्रसाद, राही अनिल बर्वे और आनंद गांधी ने मिलकर गढ़ा है। तुम्बाड एक शापित जगह है। वहां पर एक शैतान है जिसके पास सोना तो है पर अन्न नहीं है। वहीं अन्न उस शैतान के लिए शाप है। वो शैतान लोगों के लिए आफत है तो एक परिवार के वरदान जैसा ही है। एक छोटा सा लड़का बचपन में अपनी आई की बात न मानकर कैसे अपनी लालच को पूरा करता है, यह स्टोरी में उस लड़के की ताकत को दिखाती है। पर इसके आगे भी बहुत कुछ है। क्योंकि वो लड़का एक दिन बाप बनता है और उसकी असली चुनौती वहीं से शुरू होती है। स्टोरी को तीन चैप्टर में बांटा गया है और तीनों ही चैप्टर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स जबरदस्त है। इसलिए फिल्म के पहले सीन से लेकर अंतिम सीन तक कोई कुछ भी मत छोड़िएगा।
फिल्म का म्यूजिक जेसपर कीड ने दिया है और वो अपने म्यूजिक के साथ पूरा न्याय करते हैं। अजय-अतुल ने उनका पूरा साथ दिया है। इसके अलावा फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, प्रोडक्शन डिजाइन, एडिटिंग और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मेकअप का काम है। अगर आप फिल्म आप देखेंगे तो यह आपको दिखेगा।
फिल्म क्यों देंखे- अगर आप कुछ अलग सिनेमा देखना चाहते हैं और आपकी जेब में रुपये हैं।
फिल्म क्यों न देंखे-अगर आपकी जेब में रुपये नहीं हैं।
फिल्म समीक्षक-सचिन यादव
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