मजदूर की बेटी ने जीते 10 लाख, मां ने गिरवी रखे थे अपने गहने

आम तौर पर किसी प्रतियोगिता में विजेता के अलावा दूसरे नंबर पर कौन रहा उसकी चर्चा कम ही हो पाती है। दूसरे या तीसरे नंबर पर रहने वाला प्रतियोगी बहुत ही कम अंतर से चूक जाता है, इस वजह से उसकी योग्यता को उतनी पहचान नहीं मिल पाती है।
खैर! यहां हम बात करने जा रहे हैं सेकेंड रन अप यानी तीसरे स्थान के प्रतियोगी की। मशहूर टीवी रियलटी शो 'द वॉयस ऑफ इंडिया' के फाइनल राउंड में हरियाणा के डबवाली की रहने वाली पूजा इसां रियलिटी शो में सेकंड रनअरअप बनी। उन्हें प्राइज मनी के तौर पर 10 लाख रुपए मिले हैं।
चलिए, ये तो बात हुई उनकी योग्यता और उनके द्वारा जीते गए 10 लाख की रकम की। आप सोच रहे होंगे तो इसमें नया क्या है? तीसरे स्थान पर रही तो उसे इनाम मिला, जी हम भी वही कह रहे हैं!
दरअसल पूजा की जीत के पीछे की जो कहानी है वो हम आपको बताना चाह रहे हैं, जिसके पीछे एक संघर्ष है, एक मां का त्याग है, उस पिता की मेहनत है जो मजदूरी करता है... उस परिवार के लिए यह घटना किसी परिकथा से कम नहीं है।
पूजा की कहानी
पूजा को बचपन से ही म्यूजिक बेहद पसंद था, मंदिरों में वो भजन कीर्तन गाती थी। धीरे-धीरे वो शादियों और अन्य कार्यक्रमों में गाया करती थी। लेकिन उसका मुंबई जाकर किसी रियलटी शो में हिस्सा ले पाना बहुत मुश्किल था। उसकी वजह थी उसके परिवार की माली हालत। पिता राजकुमार माल लोडिंग-अनलोडिंग की मजदूरी का काम करते हैं। उनकी इस कमाई में उनके तीन बच्चे पूजा और उसकी बहन और एक भाई पढ़ते हैं और घर का खर्च चलता है।

जब मुंबई में 'द वॉयस ऑफ इंडिया' प्रोगाम में हिस्सा लेने की बात आई तो पूजा के पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपनी बेटी को मुंबई ले जा सकें। ऐसे में पूजा की मां ने अपने गहने गिरवी रखकर उसे रियलिटी शो तक भेजा था। प्राइज में 10 लाख रुपए मिलने के बाद बेटी ने कहा, मेरे पिता मजदूरी करते हैं और वह इन पैसों से अपनी पापा की मदद करेगी।
पूजा की मां अनुराधा ने बताया कि बड़ी बेटी प्रिया के साथ पूजा भी गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ती हैं जबकि, छोटा भाई राहुल अरोड़वंश स्कूल में पढ़ता है। तीनों बच्चे पढ़ाई में होशियार हैं। मां ने बताया कि पैदा होने पर बेटी को देखते ही नर्स ने कहा था कि बेटी परिवार का नाम रोशन करेगी।
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