
नागा चैतन्य और साई पल्लवी स्टारर थंडेल को दर्शकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म में जहां दोनों लीड एक्टर्स की परफॉर्मेंस की जमकर सराहना हो रही है, वहीं इसकी कहानी और धीमी गति दर्शकों को कुछ खास प्रभावित नहीं कर सकी।
नागा चैतन्य और साई पल्लवी की केमिस्ट्री ने लूटी महफिल
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसके मुख्य कलाकार हैं। नागा चैतन्य और साई पल्लवी की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया। उनकी शानदार अदाकारी और भावनात्मक गहराई ने फिल्म को एक अलग स्तर पर पहुंचाया। कई दर्शकों ने ट्वीट कर उनकी परफॉर्मेंस की तारीफ की और इसे फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी बताया।
कहानी में दम नहीं, धीमी गति से आई निराशा
हालांकि, फिल्म की कहानी दर्शकों को उतनी प्रभावित नहीं कर सकी। कई लोगों का मानना है कि थंडेल की स्क्रिप्ट को और प्रभावशाली तरीके से लिखा जा सकता था। खासतौर पर भारत-पाकिस्तान एंगल से फिल्म में एक अनोखा तत्व जोड़ा जा सकता था, लेकिन कमजोर स्क्रीनप्ले ने इसे पूरी तरह उभरने नहीं दिया। चित्रंभलारे जैसी समीक्षात्मक वेबसाइटों ने भी इसकी धीमी गति को फिल्म की एक बड़ी कमजोरी बताया।
डीएसपी का म्यूजिक बना फिल्म की जान
फिल्म का संगीत देवी श्री प्रसाद (डीएसपी) ने दिया है, जिसे जबरदस्त सराहना मिल रही है। उनकी शानदार धुनों ने फिल्म के इमोशनल दृश्यों को और गहराई दी, जिससे दर्शक फिल्म से जुड़ सके। आंध्रविलास जैसे प्लेटफॉर्म्स ने डीएसपी के म्यूजिक की तारीफ करते हुए लिखा कि उनके गानों ने फिल्म में जान डाल दी।
मिश्रित प्रतिक्रियाओं के बावजूद कुछ सीन ने छोड़ा प्रभाव
हालांकि फिल्म की कहानी और धीमी गति को लेकर शिकायतें हैं, लेकिन कुछ दृश्यों ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला। साईं अय्यागारी ने ट्विटर पर लिखा कि “बुज्जी थल्ली” गाना और “तूफान” सीन ने इमोशनल टच दिया, लेकिन ये पूरी फिल्म को संभालने के लिए काफी नहीं थे।
केवल परफॉर्मेंस और म्यूजिक के लिए देखें फिल्म
थंडेल की सबसे बड़ी खासियत नागा चैतन्य और साई पल्लवी की परफॉर्मेंस और डीएसपी का शानदार म्यूजिक है। अगर आप इन सितारों के फैन हैं और म्यूजिक एंजॉय करते हैं, तो फिल्म आपको पसंद आ सकती है। लेकिन अगर आप एक मजबूत कहानी और तेज़-तर्रार नैरेटिव की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह फिल्म आपको निराश कर सकती है।