
अब तक आपने सनी लियोनी को एक तरह के अवतारों में देखा है। पॉन इंडस्ट्री भले ही सनी ने बरसों पहले छोड़ दी है, पर बॉलिवुड का कैमरा अब भी उनकी क्लीवेज और सेक्सी अदाओं पर ही टिका हुआ है। इस फिल्म में कुछ अलग है….
बहरहाल, 10 साल बाद सनी लियोनी पहली बार एक ऐसी फिल्म में नजर आ रही हैं जिसका एक उम्दा मेसेज है। सनी का स्टाइल वही है। कैमरा की निगाह वहीं अटकी हुई है, जहां ज्यादातर सनी लियोनी के फैन्स की अटकी होती है। हालांकि, फिल्म में बाबूजी यानी आलोकनाथ और पप्पी जी यानी दीपक डोबरियाल भी हैं तो फिल्म का संस्कारी होना बनता है।
इस फिल्म में आप देखेंगे
एक मरते हुए शख्स की आखिरी ख्वाहिश सनी लियोनी के साथ सुहागरात मनाने की है। आगे नीचे विडियो में खुद देख लीजिए, हम आपका मजा किरकिरा नहीं करना चाहते। और हां, हो सके तो 4 मिनट के बाद जो मेसेज मिले उस पर अमल करने की कोशिश कीजिएगा। अपने लिए नहीं, सनी लियोनी के लिए ही सही।
क्या है और दिखाओ…
यह सवाल आपके मन में भी उठा होगा कि आखिर है क्या बला है क्या बला। दरअसल, यह एक प्रॉडक्शन हाउस/टीवी चैनल है। इस फिल्म के जरिए ‘और दिखाओ टीम’ ने स्मोकिंग की लत के शिकार लोगों को समझाने की कोशिश की है कि इसका कितना खतरनाक और दर्दनाक नतीजा हो सकता है।
थोड़ी तारीफ इन्हें देते जाइए
आप तारीफ करेंगे। सनी लियोनी की। दीपक डोबरियाल की और आलोकनाथ की भी। पर, जरा ठहरिए। इन्होंने तो वही किया जो ये करते हैं। अभिनय। इस स्टोरी का आइडिया है जीत मूडी का। फिल्म डायरेक्ट की है विभु पुरी ने और स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स लिखे हैं अंकित शर्मा, मनीष भट्ट और विभु पुरी ने।