पिछली सदी के सातवें और आठवें दशक में जंजीर, डान, सीता और गीता , शोले, दीवार जैसी हिट फिल्में मशहूर लेखक जोड़ी सलीम-जावेद की देन रही है। उनके चुटीले संवादों ने वक़्त बदलने के बावजूद अपनी चमक को फीकी नहीं पड़ने दिया। मेरे पास गाड़ी है, बंगला है, बैंक बैलेंस है तुम्हारे पास क्या है जैसे तमाम हिट संवादों के लेखक सलीम-जावेद ने अपनी लेखनी का लोहा मनवाया। यह वो दौर था जब लेखकों का नाम पोस्टर पर नहीं आता था। उनका परिश्रमिक भी बहुत नहीं होता था। तब इस जोड़ी ने उस समय के सितारों से ज्यादा फीस लेकर लेखकों के सम्मान का दरवाजा खोला। अमिताभ बच्चन को हिन्दी सिनेमा का एंग्री यंगमैंन का खिताब दिलाने वाली भी यही जोड़ी रही। अब सलीम खान के बेटे सलमान खान और जावेद खान की बेटी जोया व बेटे फरहान दोनों की जोड़ी के साथ आने, सफलता का स्वाद चखने से लेकर उनके अलगाव को नम्रता राव निर्देशित डाक्यूमेंट्री सीरीज एंग्री यंग मैन के जरिये दर्शाया है। करीब 42 साल बाद आई यह जोड़ी निजी ज़िंदगी पर भी बेबाकी से बात करती है।
इस डाक्यूमेंट्री के जरिये नम्रता नई और पुरानी पीढ़ी के कलाकारों लेखकों निर्देशकों, उनके स्वजन से इस जोड़ी के काम पर बात-चीत करती है। अब 88 साल के सलीम खान और 79 के जावेद अख्तर पुरानी यादों को ताज़ा करके कहीं-कहीं भावुक भी होते हैं। सलीम जहां इंदौर से हीरो बनने आए थे वहीं जावेद शुरुवात में किसी निर्देशक को असिस्ट करना चाहते थे। दोनों की मुलाकात फिल्म सरहदी लुटेरा के दौरान हुई थी जिसमें सलीम हीरो थे। वहां से शुरू हुई दोस्ती में इस जोड़ी ने 24 फिल्में साथ लिखी जिनमें 22 सुपरहिट रहीं।
अपनी लेखनी को लेकर उनका आत्मविश्वास इतना था की जब उनके नाम को जंजीर फिल्म के पोस्टर पर नहीं छापा गया तो उन्होने पेंटर से लिखवा डाला। जब ‘शोले’ को असफल करार दिया गया तो इन्होंने खुद एक विज्ञापन छपवाया और दावा किया कि यह फिल्म देश के हर विवरण क्षेत्र से एक करोड़ रुपए कमाएगी। वक़्त के साथ ऐसा मोड भी आया जब साल 1982 में यह जोड़ी खामोशी से अलग हो गई। दोनों अलगाव के कारणों से बात करने से बचते रहे। हालांकि डाक्यूमेंट्री में दोनों इस पर बात करते हैं।
डाक्यूमेंट्री में ज़्यादातर लोग इंडस्ट्री से ही बात करते दिखते हैं। उनकी फिल्मों के विजुअल्स का भी प्रयोग कम दिखता है। अगर कलाकारों, लेखकों के अलावा उनके आसपास के लोगों से भी बात कि जाती तो शायद कुछ नई जानकारी भी सामने आती। सलीम-जावेद की ज़िंदगी में दो बातें बहुत कामन रहीं दोनों ने ही बचपन में अपनी माँ को खो दिया था। दोनों ने ही दो शादियां की। हालांकि सलीम ने अपनी पहली पत्नी सलमा को तलाक नहीं दिया, लेकिन जावेद को अपनी पहली पत्नी हनी ईरानी को तलाक देने का मलाल रहा। उस पर उन्होने खुलकर बात की। इसमें जावेद की दूसरी पत्नी शबाना आज़मी का पक्ष भी दिखा। सलीम ने भी हेलन से दूसरी शादी करने और परिवार की रजामंदी पर बात की। उनके सफर पर सलमान, फरहान और जोया दिल खोलकर बात करते हैं।