उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की मिनी चंबल घाटी में बागी जीवन जीने वाले दस्यु ददुआ की कहानी अब जल्दी ही पर्दे पर दिखेगी। यू-ट्यूब चैनल पर ‘ए फिल्म ऑफ दिलीप आर्या’ नाम से अपलोड ददुआ पर बनी फिल्म ‘तानाशाह’ का ट्रेलर देखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हजारों लोग इस ट्रेलर को देख चुके हैं।
बुंदेलखंड और उसके आसपास के सभी जिलों में ददुआ व परिवार को जानने वाले लोग इसे फेसबुक, ट्विटर व व्हाट्सएप पर शेयर कर रहे हैं। ये फिल्म फरवरी में रिलीज की हो सकती है। दो मिनट के इस ट्रेलर की शुरुआत जमींदार के ‘कौन हो बे तुम, क्या चाहते हो’ डायलॉग से होती है और इसके जवाब में दस्यु ददुआ अपनी बहन और पिता की मौत का बदला लेने की बात बताता है।
फिल्म अभिनेता व निर्माता दिलीप आर्या ददुआ की मुख्य भूमिका में दिखेंगे। उन्होंने बताया कि फिल्म बनने में पांच साल लगे हैं और बहुत मेहनत भी लगी है। उन्हें डकैतों की जिंदगी को समझने के लिए पहले चित्रकूट और वहां के आस-पास क्षेत्रों को घूमा। बीहड़ क्षेत्रों में घूमना उनके लिए एक नया अनुभव था। ट्रेलर की शुरुआत राम घाट व मंदाकिनी नदी से हुई है।फिल्म के निर्माता मुकेश कुमार हैं और निर्देशक रितम श्रीवास्तव हैं।
कौन थे ददुआ
ददुआ चित्रकूट में जाना पहचाना एक ऐसा नाम है, जो वहां के बच्चे-बच्चे को पता है। कुछ की नजर में ददुआ ‘गरीबों का रॉबिन हुड’ है और कुछ के लिए एक अपराधी। इन सब बातों के बावजूद फतेहपुर के नरसिंहपुर कबराहा गांव में ददुआ का एक मंदिर है। मंदिर में लगी मूर्ति और पुलिस के रिकॉर्ड में लगी फोटो के अलावा किसी ने ददुआ का चेहरा नहीं देखा है। ददुआ का असली नाम शिवकुमार पटेल है, जबकि उसे सब ददुआ के नाम से ही जानते हैं। ददुआ के ऊपर डकैती और हत्या को लेकर 400 से ज्यादा मामले दर्ज थे इसके बावजूद उनका मंदिर बना है क्योंकि वो गरीबों के मसीहा भी थे।