बालीवुड के 80’s के गानों की तरह एवरग्रीन अभिनेताओं में से एक अनिल कपूर जल्द ही अपने बेटे हर्षवर्धन कपूर के साथ फिल्म में नज़र आएंगे। यह दूसरी बार है जब दोनो बाप-बेटे एक साथ फिल्म कर रहे हैं। पहली बार अनिल कपूर और हर्षवर्धन कपूर ने ‘एके वर्सेज एके’ में साथ में काम किया था। वहीं, अब यह जोड़ी ‘थार’ में धमाल मचाने वाली है। हाल ही में अनिल कपूर ने अपने बेटे हर्षवर्धन कपूर के साथ काम करने के अनुभव को शेयर किया है। आइए जानते हैं कि क्या कहते हैं अनिल कपूर।
बेटे के साथ काम करने के अनुभव पर अनिल कपूर बताते हैं, ‘जब हम एके वर्सेज एके कर रहे थे, तब नर्वसनेस थी। पहले दिन जब हम फिल्म शूट कर रहे थे तो मैं हर्ष से ज्यादा नर्वस था। हर्ष का एक लंबा मोनोलॉग था। जबकि, मैंने अपने करियर में इतना लंबा मोनोलॉग नहीं किया। मैं डायरेक्टर्स को बोलता हूं कि यार, तोड़-तोड़ कर करो, क्योंकि मुझसे होगा नहीं, पर जब हर्ष ने वो सीन किया और विक्रम मोटवानी और अनुराग कश्यप ने तारीफ की, तब मुझे लगा कि उसमें कितनी क्षमता है। लोगों को लगता है कि वह सीरियस है। कई बार ऐसे खयालात बन जाते हैं, लेकिन जब उसने वो सीन किया, जो इतना फनी था और सबने उसकी तारीफ की, तो कहीं न कहीं राहत भी थी, खुशी भी थी और मैं गर्व भी महसूस कर रहा था, क्योंकि अगर मैं हर्ष की जगह होता और मुझे एके वर्सेज एके ऑफर होती, तो मैं नहीं करता। मैं कहता कि मैं डैड वाला रोल करूंगा, पर आज की जो युवा पीढ़ी है, वह बहुत निडर है। कम से कम हर्ष तो है, जिसकी मैं बहुत कद्र करता हूं और उस पर गर्व करता हूं।’
वहीं, हर्ष का कहना है कि वह अपने पापा के साथ काम करते वक्त बिल्कुल नर्वस नहीं थे, क्योंकि वह को-ऐक्टर के बजाय अपने काम पर फोकस करते हैं। हर्ष बताते हैं, ‘मेरे और डैड के बीच जो नर्वसनेस की बर्फ थी, वो एके वर्सेज एके से टूट गयी थी। हालांकि, उसमें मेरा दो-तीन दिन का ही काम था, पर बहुत ही एक्सट्रोवर्ट और बिंदास किरदार था। मैं असल जिंदगी में उससे काफी अलग हूं तो नर्वसनेस तब खत्म हो गयी थी। इसके अलावा, मेरी कोशिश होती है कि मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान दूं, न कि इस बात से प्रभावित हो जाऊं कि क्या सिचुएशन है या मेरे साथ और कौन है फिल्म में। मैं सीन्स को वैसे ही अप्रोच करता हूं, जैसे कोई दूसरा एक्टर होता तब करता।