इत्तेफाकः दर्शकों को बांधने कितनी कामयाब, पढ़ें रिव्यू

साल 1969 यश चोपड़ा ने अपने भाई बीआर चोपड़ा के प्रोडक्शन में बनी फिल्म 'इत्तेफाक' जो उस समय की सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों में से काफी सफल फिल्म बनी थी। यह फिल्म 1965 की अमेरिकन फिल्म 'साइनपोस्ट टू मर्डर' की रीमेक थी, जिसे इसके पहले गुजराती ड्रामा धुमास के लिए अडॉप्ट किया गया था। 1969 में जब राजेश खन्ना, नंदा और बिंदु स्टारर इत्तेफाक रिलीज हुई थी तो वह अपने आप में चर्चा का विषय बन चुकी थी। अब लगभग 48 साल के बाद उसी इत्तेफाक को अभय चोपड़ा ने नए अंदाज में पेश करने की कोशिश की है। क्या यह फिल्म आपको सस्पेंस के साथ-साथ फुल ड्रामा परोस पाने में सक्षम हो पाएगी?
फिल्म की कहानी
यह कहानी विक्रम सेठी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और माया सिन्हा (सोनाक्षी सिन्हा) की है। एक रात एक्सीडेंट के दौरान विक्रम की वाइफ कैथरीन सेठी की मौत हो जाती है और साथ ही वकील शेखर सिन्हा का मर्डर भी होता है। इन दोनों वारदातों का चार्ज विक्रम पर लगाया जाता है। साथ ही शक के घेरे में शेखर सिन्हा की वाइफ माया सिन्हा भी आती है। इन दोनों मर्डर की तफ्तीश करने के लिए इंस्पेक्टर देव (अक्षय खन्ना) को लगाया जाता है। देव को विक्रम अपनी बात बताता है वहीं दूसरी तरफ माया भी अपनी कहानी देव तक पहुंचाती है और हर तरफ सिर्फ एक ही सवाल होता है कि आखिरकार कातिल कौन है? यह एक सस्पेंस थ्रिलर है और कातिल का नाम बताना गलत बात होगी इसलिए बेहतर है कि कातिल का पता आप नजदीकी थियेटर में जाकर के ही लगाएं।
क्यों देखें फिल्म
फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प है कि 2 मर्डर होते हैं और कातिल कौन हो सकता है इसका समा बांधने के लिए डायरेक्टर ने कोई कमी नहीं छोड़ी है और 2 घंटे से कम की यह फिल्म आप को सीट पर बांधे रहने में कामयाब रहती है। अभय चोपड़ा की लिखावट, डायरेक्शन कमाल का है। फिल्म की सबसे अच्छी खासियत यह है कि दर्शक के तौर पर आप यह अनुमान लगाते रहते हैं कि आखिरकार कत्ल किसने किया होगा जो कि किसी भी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की सबसे बड़ी जीत होती है।
बेहतरीन सस्पेंस
इसके पहले भी बहुत सारी सस्पेंस थ्रिलर हिंदी सिनेमा में बनाई गई है जैसे गुप्त, इत्तेफाक, बीस साल बाद इत्यादि, जो फिल्म के अंत होने से पहले आपको बांधे रखती थी। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने इस फिल्म में काफी अलग तरह का अभिनय किया है वहीं दूसरी तरफ माया के रोल में सोनाक्षी सिन्हा ने सहज अभिनय किया है। अभिनेता अक्षय खन्ना की सर्वोत्तम फिल्म कही जा सकती है जिसमें उन्होंने उम्दा एक्टिंग का प्रदर्शन किया है। आप को हंसाने के साथ-साथ गंभीर भी कर जाते हैं। फिल्म के बाकी किरदारों ने भी अच्छा काम किया है।
बोर नहीं होंगे
फिल्म की सबसे अच्छी बात है इसकी लेंथ, जो कि आपको बोर नहीं करती। पिछली वाली इत्तेफाक की ही तरह इस फिल्म में भी कोई गाना तो नहीं है लेकिन फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर आपको बांधे रखता है। सिनेमेटोग्राफी भी काफी अच्छी है जिसके लिए माइकल लुक्का बधाई के पात्र है।
कमजोर कड़ियां
वैसे सस्पेंस थ्रिलर अक्सर आपको याद तो बहुत अच्छे लगते हैं या फिर आप यही सोचने लगते हैं कि खोदा पहाड़ निकली चुहिया। तो इस फिल्म में भी कुछ ऐसी जगह होती हैं जहां पर आपको लगता है कि वह और बेहतर हो सकती थी खासतौर से सोनाक्षी सिन्हा और सिद्धार्थ मल्होत्रा के बीच फिल्माए गए सीन।
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट लगभग 20 करोड़ बताया जा रहा है और कहां जा रहा है कि इसे पंद्रह सौ से ज्यादा स्क्रीन में भारत में रिलीज किया जाने वाला है इसके साथ ही विदेशों में भी इसकी अच्छी रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को शाहरुख खान, करण जौहर, और बी आर फिल्म्स प्रोड्यूस कर रहे हैं तो देखना बेहद दिलचस्प होगा की लागत से कितना ज्यादा मुनाफा फिल्म कमा पाएगी, फिल्म के वीकेंड से काफी उम्मीदें हैं ।
सौजन्यः आजतक
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