दर्शकों को बांधने में नाकाम रही हाफ गर्लफ्रेंड

मशहूर लेखक चेतन भगत के उपन्यासों पर बनी फिल्में सफलता का दूसरा नाम मानी जाती हैं। 'हैलो', 'काय पो चे', '3 इडियट्स', और '2 स्टेट्स' को इसकी मिसाल के रूप में पेश किया जा सकता है।
इसी कड़ी में चेतन की नॉवेल 'हाफ गर्लफ्रेंड' पर आधारित फिल्म को मोहित सूरी ने इसी नाम से बनाई है। जिसमें एक बिहारी लड़के और दिल्ली की लड़की के बीच की केमस्ट्री को सुनहरे पर्दे पर दर्शाया गया है। आइए डालते हैं फिल्म की कहानी और कमजोर किरदारों पर एक नजर
जब दिल्ली पढ़ने जाता है बिहारी माधव
बिहार के बक्सर जिले के डुमरांव गांव के रहने वाले माधव झा (अर्जुन कपूर) की गांव से दिल्ली शहर में पढ़ाई करने के लिए जाता है और वहां उसकी मुलाकात अमीर घराने की लड़की रिया सोमानी (श्रद्धा कपूर) से होती है। माधव और रिया दोनों को ही बास्केटबॉल बहुत पसंद है।
बास्केटबॉल कोर्ट पर ही दोनों की मुलाकातें होने लगती हैं। माधव को अंग्रेजी नहीं आती जिसकी वजह से उसका बार-बार मजाक उड़ाया जाता है। माधव का दोस्त शैलेश (विक्रांत मस्सी) हमेशा उसका साथ देता है। माधव को आने आने वाली मुसीबत के बारे में सचेत करता रहता है, लेकिन पूरी तरह से मजनू के मोड में आ चुका माधव जो की अपने दोस्त की किसी भी बात पर ध्यान नहीं देता।
एक दिन कुछ ऐसा होता है, जिसकी वजह से माधव और उसकी हाफ गर्लफ्रेंड रिया में अलगाव हो जाता है। इस वजह से माधव अपने गांव वापस आ जाता है और रिया कहीं दूर निकल जाती है। फिर कहानी में ट्विस्ट और टर्न्स आते हैं और एक बार फिर से माधव और रिया की मुलाकात अलग परिस्थिति में होती है। कहानी फिर लंदन तक भी पहुंचती है और इसे अंजाम मिलता है।
कौन सी हैं कमजोर कड़ियां
फिल्म की कहानी काफी कमजोर तो है ही साथी ही स्क्रीनप्ले भी बहुत ही ठंडा है। जो बात चेतन भगत की 2 स्टेट्स और 3 इडियट्स जैसी फिल्मों में थी, वो आपको हॉफ गर्लफ्रेंड में देखने को नहीं मिलती है। फिल्म के डायलॉग भी काफी कमजोर है और रोमांस, ड्रामा में भी कुछ खास नहीं है।
किसी भी रोमांटिक फिल्म को देखते वक्त इंसान उसमें खो जाना चाहता है, लेकिन इस फिल्म के दौरान कुछ ऐसा फील नहीं हो पाता है, जो कि स्क्रीनप्ले की कमी है। फिल्म का गाना 'फिर भी तुमको चाहूंगा' लोगों के दिल में अपनी छाप जरूर छोड़ सका है।
क्यों देखें
फिल्म में अर्जुन कपूर ने बिहारी लड़के का किरदार बखूबी निभाया है। श्रद्धा कपूर ने भी अभिनय ठीक किया है। विक्रांत मस्सी का काम भी दमदार है। साथ ही फिल्म की लोकेशंस बढ़िया है। दर्शकों को दिल्ली के साथ-साथ न्यूयॉर्क भी फिल्म में देखने को मिलेगा। विजुअल के हिसाब से फिल्म अच्छी है और साथ ही बैकग्राउंड स्कोर भी कमाल का है। फिल्म की लागत लगभग 35 करोड़ बताई जा रही है।
डायरेक्टर: मोहित सूरी
स्टार कास्ट: अर्जुन कपूर, श्रद्धा कपूर, विक्रांत मस्सी, रिया चक्रवर्ती, सीमा बिस्वास
अवधि: 2 घंटा 15 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2 स्टार
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