मशहूर सिंगर सोनू निगम आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने अपने करियर कई सुपरहिट गाने गाए हैं। सोनू की आवाज में वो खनक है जो दिल की गहराइयों तक उतर जाती है।
उनकी आवाज भारत की पहचान है। देश में ही नहीं दुनियाभर में उनके फैन हैं। आज भले ही सोनू निगम इंडस्ट्री के सबसे सफल और महेंगे सिंगर्स में से एक हैं, लेकिन एक दौरा था जब उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। सोनू निगम को संगीत विरासत में मिला है, लेकिन यहां तक पहुंचने में उन्हें बहुत मेहनत की है।
शादियों में गाते थे गाने
कभी शादियों में…माता की चौकियों में गाने वाले सोनू निगम आज उस मुकाम पर हैं, जहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है। शोहरत – दौलत कमा चुके सोनू निगम का आज यानी 30 जुलाई को जन्मदिन है। उनकी सफलता में खास भूमिका उनके एक दर्द भरे गाने ने निभाई है। इस एक गाने के बाद उनकी किस्मत पलट गई।
पिता के साथ गाना गाते थे सोनू
सोनू निगम का जन्म 30 जुलाई 1973 को हरियाणा के फरीदाबाद में हुआ था। उनके पिता अगम कुमार निगम भी एक पॉपुलर सिंगर थे। वह बहुत कम उम्र में ही पिता के साथ स्टेज पर गाना गाने लगे थे। जब वह सिर्फ चार साल के थे, उन्होंने पहली बार मंच पर ‘क्या हुआ तेरा वादा’ गाना गाकर लोगों का दिल जीता था। इसके बाद उन्होंने कई बार अपने पिता के साथ स्टेज पर गाना गाया।
1990 में टी-सीरीज के साथ करियर शुरू किया
पिता के साथ स्टेज पर गाने के बाद सोनू निगम ने करियर बनाने और संगीत की शिक्षा के लिए मुंबई आने का फैसला किया। हालांकि, मुंबई में उन्हें कई साल तक मेहनत करनी पड़ी। काबिलियत होते हुए भी कुछ साल उन्हें कोई खास काम नहीं मिला था। लेकिन वह मेहनत करते रहे और 1990 में टी-सीरीज के कई भजनों और कवर सॉन्ग्स को गाया।
इस गाने बदली किस्मत
सोनू निगम ने पहला गाना ‘जानम (1990)’ फिल्म में गाया था, लेकिन ये फिल्म रिलीज ही नहीं हो पाई। इसके बाद उन्होंने दूरदर्शन के शो ‘तलाश’ के लिए ‘हम तो छैला बन गए’ रिकॉर्ड किया। फिर उनका पहला फिल्मी गाना ‘ओ आसमान वाले’ रिलीज हुआ जो उन्होंने ‘आज मेरी जान’ को आवाज दी। लेकिन उनको कोई खास पहचान नहीं मिली।
इसके बाद 1992 में आया उनका एल्बम ‘रफी की यादें’ काफी मशहूर हुआ, लेकिन उन्हें नेम और फेम दिलाई ‘बेवफा सनम (1995)’ के सुपरहिट गाने ‘अच्छा सिला दिया’ ने, जिसने उनकी किस्मत बदल दी।