जन्मदिन विशेष : जब बोनी से मैंने पैसे लेकर किराए पर कमरा लिया- अन्नू कपूर

“वो छह जुलाई 1985 का दिन था। मुझे आज भी वो दिन अच्छी तरह से याद है। मैंने बोनी कपूर से कुछ रुपए एडवांस मांगे थे। बोनी ने मुझे पांच हज़ार रुपए दे दिए और मैंने उसी दिन जाकर अपने लिए एक रूम किराए पर ले लिया। उससे पहले मैं एक दोस्त के घर रह रहा था। मैंने जो रूम किराए पर लिया था वो एक लेडी की प्रॉपर्टी थी। मैंने सारा किराया एक साथ ही दे दिया उस दिन। उस रूम में मुझे सैपरेट एंट्री मिली थी। यानि मैं गर्व से कह सकता हूं कि मिस्टर इंडिया उन फ़िल्मों में से एक है जिन्होंने मेरे करियर को शेप-अप किया। मिस्टर इंडिया से पहले मुझे बहुत ज़्यादा काम नहीं मिला था। मैं बोनी कपूर जी को धन्यवाद कहना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे मिस्टर इंडिया में साइन किया।”

एक इंटरव्यू में एक्टर अन्नू कपूर ने ये बातें बताई थी। अपने बारे में(खासतौर पर मिस्टर इंडिया फ़िल्म के बारे में) और भी बहुत कुछ अन्नू कपूर ने उस इंटरव्यू में बताया था। चलिए, वो भी जानते हैं। दिलचस्प बातें बताइ थी अन्नू कपूर ने। आज अन्नू कपूर का जन्मदिन भी है। 20 फ़रवरी 1956 को भोपाल में अन्नू कपूर का जन्म हुआ था। उस इंटरव्यू में अन्नू कपूर ने और क्या-क्या बातें की थी? चलिए, उन्हीं के शब्दोंं में जानते हैं।

“मेरा संघर्ष तब शुरू हुआ था जब मैं 14 साल का था। मैं एक स्लम एरिया में पैदा हुआ था और बचपन में मैंने बेतहाशा ग़रीबी देखी थी। लेकिन मैं पढ़ने में अच्छा था। दसवीं क्लास में मैंने 93 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। लेकिन मेरे पिता कॉलेज की फ़ीस भरने के काबिल नहीं थे। इसलिए मैं आगे पढ़ाई ना कर सका। जबकी मैं हमेशा सर्जन बनने के ख्वाब देखता था। मैंने टैक्सटाइल मिल में काम किया। लॉटरी टिकट तक बेचे। एक्टिंग तो बस इत्तेफ़ाक से हो गई। छोड़िए इन बातों को। मिस्टर इंडिया की ही बात करते हैं। वो एक अलग दौर की फ़िल्म थी। हम लोग उस वक्त टैक्निकली आज जितने एडवांस नहीं थे। उस ज़माने में शूटिंग करना आज जितना आसान नहीं होता था। आज जैसी टैक्नोलॉजी नहीं थी ना।”

“शेखर कपूर ने मिस्टर इंडिया को किसी फैंटेसी फ़िल्म की तरह बनाया। मुझे लगता है वही मिस्टर इंडिया की सफ़लता की सबसे बड़ी वजह थी। शेखर कपूर बहुत अच्छे डायरेक्टर हैं। मुझे याद है हम हर शॉट के लिए दो से तीन टेक्स करते थे और उनसे ही काम हो जाता था। उसके बाद शेखर कपूर हमसे कहते थे कि एक टेक अपनी तरफ़ से दो। जैसे करना चाहो, सीन में जो भी करना चाहो वो करो। वो इतनी क्रिएटिव लिबर्टी हमें दिया करते थे।”

“मैं यहां डायरेक्टर राज कंवर का ज़िक्र ज़रूर करना चाहूंगा। वो मिस्टर इंडिया में शेखर कपूर के असिस्टेंट डायरेक्टर थे। मैं तब 7 अंधेरी के बंगला इलाके में रहता था और हम लोग चेंबूर में शूटिंग कर रहे थे। राज कंवर की ड्यूटी थी कि वो रोज़ सुबह मुझे पिक करे और सेट तक लाए। आज राज कंवर इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन मुझे अब भी वो दृश्य साफ़ याद हैं जब राज कंवर एक सफ़ेद एंबेसडर कार में मुझे लेने आते थे। मैं रोज़ नीचे आकर पहले राज कंवर को गले से लगाता था। फिर पूरे रास्ते हम शूटिंग की बात करते जाते थे। उन दिनों को याद करके मैं अब भी एक्सायट हो जाता हूं। राज कंवर बड़े जेंटलमैन थे।”

“मिस्टर इंडिया जैसी एपिक फ़िल्म का हिस्सा बनना मेरे लिए एक फिनोमिनल एक्सपीरियंस था। लेकिन एक बात भी ज़रूर कहना चाहूंगा। मिस्टर इंडिया के बाद बहुत खास मेरी ज़िंदगी में हुआ नहीं फ़िल्मों के नज़रिए से। लोगों ने फ़िल्म देखी और मेरे काम की तारीफ़ें की। लेकिन मेरे करियर में कुछ खास बड़ा हुआ नहीं मिस्टर इंडिया के बाद भी।”

“मुझे याद है अमिताभ बच्चन ने एक फ़िल्म मैगज़ीन को इंटरव्यू दिया था। उनसे पूछा गया था कि वो अपने फ़ेवरिट एक्टर्स का नाम बताएं। उन्होंने सतीश कौशिक, परेश रावल और मेरा नाम लिया था। मेरे लिए ये बहुत बड़ी अचीवमेंट थी। मुझे खुद पर बहुत गर्व हुआ था। मिस्टर इंडिया के ठीक बाद ही मुझे मिस्टर बच्चन के साथ मैं आज़ाद हूं फ़िल्म में उनके साथी का रोल मिला था। यानि बच्चन साहब के साथ काम करने का मौका मिला था मुझे। लेकिन ये बात तो है कि मिस्टर इंडिया फ़िल्म से मेरी लाइफ़ में कुछ खास बदलाव नहीं हुए थे।

साभार : किस्सा टीवी

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