
“मेरे पिता राज कपूर मेरे बेस्ट फ्रेंड थे। वो पुराने खयालातों के ज़रूर थे। रूढ़िवादी थे। मगर स्ट्रिक्ट नहीं थे। मैं मेरी गर्लफ्रेंड्स और अफ़ेयर्स की बातें उनके सामने बेझिझक कर लिया करता था। वो कभी भी हमारे इन मामलों में दखल नहीं देते थे। उन्होंने मुझे कभी नहीं पूछा कि मैं किसी फ़िल्म से कितना कमा रहा हूं। ना ही ये पूछते थे कि मैं किस फ़िल्म में काम कर रहा हूं। वो हमें पूरी आज़ादी देते थे। ज़्यादा से ज़्यादा वो मुझसे बस यही पूछते थे कि तुम्हारा करियर चल कैसा रहा है। मैं अगर कहता था कि मेरी पिछली फ़िल्म नहीं चली तो वो कहते थे कि कोई बात नहीं और मेहनत करो सब ठीक हो जाएगा। अगर मैं बताता था कि मेरी पिछली फ़िल्म अच्छी चली थी तो वो कहते थे कि और मेहनत करो और तरक्की पाओगे।” रणधीर कपूर जी ने ये बातें एक इंटरव्यू में अपने पिता राज कपूर को याद करते हुए कही थी।
आज रणधीर कपूर का जन्मदिन है। रणधीर कपूर आज 78 साल के हो गए हैं। 15 फ़रवरी 1947 को रणधीर कपूर का जन्म हुआ था। इंटरव्यू में रणधीर कपूर से पूछा गया कि क्या राज कपूर का बेटा होने का आपको कोई खास फ़ायदा मिला? इसके जवाब में रणधीर कपूर ने कहा,”राज कपूर ने अपने बच्चों की परवरिश वैसे ही की जैसे कोई भी आम इंसान अपने बच्चों की करता है। स्कूल के दिनों में हम लोग बस और ट्रेन से ट्रैवल करते जाते थे। हमारी परविश तो हमारी मां ने की थी। हमारे पिता तो बहुत बिज़ी रहते थे। मेरी मां ज़रूर बहुत सख्त थी।”
रणधीर कपूर ने ये भी बताया था कि जब उन्होंने अपने पिता से कहा कि वो भी फ़िल्मों में आना चाहता है तो उनके पिता ने उनसे ये नहीं कहा कि आ जाओ बेटा मैं तुम्हें लॉन्च करूंगा। बल्कि पिता ने ये कहा कि पहले किसी दूसरे डायरेक्टर के साथ फ़िल्म मेकिंग की जानकारी सीखो। बकौल रणधीर कपूर, वो बचपन से ही जानते थे कि उनके पिता बहुत मशहूर हैं। इसलिए बहुत बिज़ी रहते हैं। इसलिए बचपन में पिता के साथ बहुत ज़्यादा वक्त उन्होंने नहीं गुज़ारा। हालांकि बड़े होने के बाद ज़रूर पिता की मदद करने के लिए वो उनके साथ रहते थे। अपने पिता की कौन सी फ़िल्में रणधीर कपूर को पसंद हैं? इसके जवाब में रणधीर कपूर ने कहा कि उन्हें आवारा, श्री 420, जिस देश में गंगा बहती है व जागते रहो बहुत पसंद आती है।