Gully Boy मूवी रिव्यू: जो ख्वाब देखता है, वही उसको पूरा भी करता है
14 फरवरी दिन गुरुवार को गली बॉय मूवी रिलीज हो चुकी है। ये मूवी अपनी रिलीज से ही पहले ही रैप के लिए खासकर युवाओं के दिमाग पर छा चुकी थी। पर अब रिलीज के बाद इस फिल्म की असलियत सामने आ गई है। धारावी 17 के मुराद के रैपर बनने की कहानी को फिल्म निर्देशक जोया अख्तर ने पर्दे पर दिखाया है।
निर्देशक-जोया अख्तर फिल्म की निर्देशक हैं। फिल्म की स्टोरी और स्क्रीनप्ले उन्होंने रीमा कागती के संग मिलकर लिखी है। जोया अख्तर ने फिल्म में धारावी 17 के जरिए स्लम एरिया में रहने वाले युवाओं की जिंदगी को छूने का प्रयास किया है। जोया की खसियत यह है कि उन्होंने सबकुछ सुंदर—सुंदर दिखाने की कोशिश नहीं की है। हर समाज के हिस्से का एक सच होता है जिसे पर्दे पर दिखाकर कई सवाल भी खड़े किए हैं जोया अख्तर ने। जोया को फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए रनवीर सिंह, आलिया भट्ट, काल्की कोचलिन, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय राज समेत अन्य कलाकारों का भरपूर साथ मिला है। बीच-बीच फिल्म थोड़ी खिंचती हुई दिखाई पड़ती है। पर रनवीर फिल्म को संभाल लेते हैं। जोया अख्तर और फरहान अख्तर को जावेद अख्तर का साथ भी मिल जाता है जो उनकी फिल्म के गाने, डायलॉग, स्टोरी, स्क्रीन प्ले सबको रवां कर देते हैं।
डायलॉग राइटर- फिल्म के डायलॉग लिखने वाले हैं अभिनेता विजय मौर्या। फिल्म में मुराद के मामू अतीक का किरदार भी उन्होंने ही निभाया है। विजय मौर्या ने निराश नहीं किया है और पर्दे पर कई चुभने और आगे बढ़ने वाले डायलॉग लिख दिए हैं। जैसे 'जिंदगी में मौका एक बार' ही मिलता है।
स्टार कॉस्ट- रनवीर सिंह, आलिया भट्ट, काल्की कोचलिन, सिद्धांत चर्तुवेदी, विजय राज, अमरुता सुभाष, शीबा चड्ढा, विजय वर्मा, विजय मौर्या। धारावी 17 की एक चॉल में रहने वाला मुराद कैसे शब्दों में अपने सपनों को बुन रहा होता है और उन्हीं शब्दों से वो एक अपना ख्वाब पूरा करता है। रनवीर के अंदर जोश है और पर्दे पर वो इसका पूरा इस्तेमाल करते हैं। फिल्म की कहानी बिना उनके जोश के शायद बयां न हो पाती। एमसी शेर का किरदार निभाने वाले सिद्धांत चतुर्वेदी पर्दे पर आकर छा जाते हैं। रणवीर के साथ जब वो स्क्रीन शेयर करते हैं तो रणवीर से ज्यादा उनपर ध्यान जाता है। सिद्धांत के लिए ये अच्छी बात है। मुराद के दोस्त बने मोईन का किरदार विजय वर्मा ने निभाया है जो अपने रोल में पूरा उतर जाते हैं। गाड़ी चोरी करने का स्टाइल हो या फिर दूसरे काम उस करैक्टर को वो जी जाते हैं। आलिया भट्ट ने सफीना का रोल एकदम ऐडी होकर निभाया है जिसका माथा हमेशा ठनका रहता है और ऐसी स्टूडेंट कहीं देखी होगी जो गुस्सा होने पर किसी का माथा खोल दे। विजय राज ने मुराद के पिता शकीर का रोल निभाया है। विजय राज जैसे-जैसे पतले से मोटे हुए हैं, वैसे-वैसे उनकी अदाकारी और ज्यादा निखरती जा रही है। विजय राज की आवाज उनकी यूएसपी है। मुराद की बेबस मां रजिया का रोल अमरुता सुभाष ने निभाया है जिसकी बेबसी पर्दे दिख जाती है। शीबा चड्ढा के हिस्से में सफीना अपने बेटी को लगातार तीन तमाचे मारने का रोल है।
प्रोड्यूसर-जोया अख्तर, फरहान अख्तर, रितेश सिधवानी
म्यूजिक-शंकर एहसान लॉय, कर्ष काले, अंकुर तिवारी
सिनेमेटोग्रॉफी- जय ओजा
एडिटर-नितिन बैद
फिल्म अवधि-2 घंटे 36 मिनट
टिकट के लिए दिए-180 रुपये
लोकेशन- फिल्म का सेट कहां बनाया गया पता नहीं, पर फिल्म धारावी से रिलेट कर पाती है। रात में मुंबई की सुनसान सड़कों के सीन अच्छे लगते हैं।
क्यों देख सकते हैं- रनवीर सिंह के फैन हैं। रैप सुनना आपको पसंद है और समाज का कुछ सच अगर आप देखना चाहते हैं तो। ख्वाबों को पूरा करने की ख्वाहिश रखने वालों को फिल्म पसंद आएगी।
क्यों न देंखे- अगर आपको लगता है कि गरीबों को ख्वाब देखने का हक नहीं है या फिर गरीबों के ख्वाब पूरे नहीं होते हैं।
नोट- मुराद एक पढ़ा लिखा लड़का है, जरूरी नहीं है कि हर मुस्लिम लड़का अपना ताबीज़ दिखाता हो। ताबीज़ जो लोग दिखाते हैं, उनमें से ज्यादा तर तौर अनपढ़ लोग होते हैं। डायरेक्टर को फिल्म में विजुअल कम्युनिकेशन को और बढ़िया तरीके से कहने का मौका मिलता है और ये उसका अधिकार भी होता है।
फिल्म समीक्षक-सचिन यादव
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