5 संस्पेंस थ्रिलर शॉर्ट फिल्में, ये रहस्यमयी फिल्में आपको जरूर देखनी चाहिए

छोड़े और बड़े पर्दे के अलावा वेब वर्ल्ड की दुनिया में शॉर्ट फिल्मों को काफी अच्छी पहचान मिल रही है। कई फिल्ममेकर्स ने स्मार्ट स्क्रीन की तरफ अपना रुख किया है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में बेहद अनोखे और नए विषय के साथ कई शॉर्ट फिल्में इंटरनेट यूर्जस को देखने को मिली हैं। जिन्हें दर्शकों ने खूब पसंद किया। आज हम आपको 5 ऐसी शॉर्ट फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जो बड़े पर्दे की संस्पेंस थ्रिलर मूवी के कड़ी टक्कर दे रही हैं। देखिए ये संस्पेंस थ्रिलर शॉर्ट फिल्में।
गर्ल इन रेडः सेक्स, मर्डर, ब्लैकमेलिंग
फिल्म की शुरुआत कुछ इस तरह है, एक स्टोरी राइटर अपनी फिल्म के लिए कहानी तलाश रहा है। काफी माथा पच्ची करने के बाद भी उसको कोई ढंग की कहानी नहीं मिलती है, अचानक उसकी नजर सोसाइटी के एक चौकीदार पर पड़ती है, जो बिल्डिंग के हर अपार्टमेंट से कचरा लेकर जाता है। लेखक सोचता है कि इसके पास सोसाइटी की कुछ दिलचस्प कहानियों होंगी। फिर क्या था, स्टोरी राइटर उसके साथ रोजमर्रा की कहानियों पर चर्चा शुरू करता है। यहां दोनों एक-दूसरे को बड़ी ही रहस्यमय कहानी सुनाते हैं, सेक्स, मर्डर, ब्लैकमेलिंग की।
पहले राइटर अपनी असल जिंदगी की एक कहानी सुनाता है, राइटर की कहानी खत्म होने वाली ही होती है कि चौकीदार अचानक एक मूर्ति को देखकर डर जाता है और मूर्ति को चुड़ौल बताता है। फिर चौकीदार उस मूर्ति के बारे में राइटर को अपनी आपबीती कहानी सुनाता है। यहां से दोनों की दो अलग कहानियों आपस में कनेक्ट हो जाती हैं। इस तरह गर्ल इन रेड शॉर्ट फिल्म आपके पूरी तरह बांधे रखती है। फिल्म के अंत में आपको पता चलता है कि दो अलग-अलग लोगों की कहानी एक कैसे थी।
माचिस है क्याः मौत का सच
दो लोगों को दुनिया से नाउम्मीद होकर खुदकुशी करने का फैसला करते हैं। मरने के लिए वो दोनों एक सुरंग के ऊपर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। एक आदमी कुछ खामोश मिजाज का है जबकि दूसरा आदमी काफी बातूनी है। वैसे लगता नहीं है कि लोग खुदकुशी करने से पहले मौत के बारे में एक दूसरे से कोई बातचीत करते होंगे।क्या ऐसा मौत के डर की वजह से होता है? एक मिनट रुकिए और सोचिए कि खुदकुशी करने के लिए क्या जरूरी है साहस या डर?
फिल्म में एक व्यक्ति खुदकुशी भी कर लेता है 'माचिस है क्या' शॉट फिल्म के अंत में एक मैसेज देने की कोशिश की गई। हालांकि, मैसेज बहुत क्लियर नहीं है इसलिए आपको फिल्म पूरे ध्यान के साथ देखनी होगी।
इलायचीः थोड़ा सा सस्पेंस, बड़ा खुलासा
बॉलीवुड अदाकारा निमरत कौर अभिनीत शॉर्ट फिल्म 'इलायची' एक सस्पेंस से शुरू होकर एक सनसनीखेज खुलासे पर खत्म होती है। कहानी कुछ यूं है कि समर नाम का एक लड़का खुदकुशी करने की रहा है लेकिन उसको कामयाबी नहीं मिल रही, ट्रेन के सामने भी आया, कई मंजिला इमारत से भी कूदा लेकिन मरा नहीं। ऐसा क्यों हो रहा है, ये देखने के लिए आपको इलायची फिल्म देखनी पड़ेगी।
क्राइम्स ऑफ पेशनः एक खामोशी
एक शादीशुदा जोड़ा एक नई जगह अपना घर बसाता है। पड़ोस में एक जोड़ा और भी रहता है। जिससे मिलने नया जोड़ा उसके घर जाता है। वहां एक औरत दरवाजा खुलती है, नया जोड़ा उसको अपने बारे में बताता है। लेकिन वो औरत एक शब्द भी नहीं बोलती।
वहां से वापस आकर जोड़ा अपने लैंडलॉर्ड से शिकायत करता है कि उसने पहले क्यों नहीं बताया कि पड़ोस में रहने वाली औरत बोल नहीं सकती है। लैंडलॉर्ड का कहना है कि ऐसा नहीं है वो औरत बोल सकती है, वो बच्चों को मैथ्स की ट्यूशन देती है उसका पति एक डॉक्टर है। शाम को उस औरत का पति नए जोड़े से मिलने उनके घर आता है और अपनी बीवी की खामोशी की कहानी सुनाता है।
चटनीः स्वाद की कहानी
टिस्का चोपड़ा और आदिल हुसैन की यह शॉट फिल्म काफी चर्चा में रही है। कहानी की शुरुआत एक पार्टी से होती है, जहां औरतें टिस्का का मजाक उड़ा रही होती हैं और उसी ग्रुप में से एक महिला की नजर उनके पति पर टिकी होती है। मौका मिलते ही वह उसके करीब पहुंच जाती है।
टिस्का उस महिला को घर पर आमंत्रित करती हैं। अगले दिन वह घर आती है और उन्हें पकौड़े व चटनी खिलाती है। चटनी के स्वाद पर टिस्का बोलती हैं कि इसके लिए धनिया, पुदीना, इमली, मिर्च, नींबू घर का होना चाहिए, बाजार का नहीं। इस लाइन का फिल्म में बहुत बड़ा मतलब है, जिसे जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।
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