2.0 मूवी रिव्यू...चिट्टी और पक्षी राजन की लड़ाई देखकर सोचेंगे, अब मोबाइल का क्या होगा?

2.0 के साथ एक बार फिर चिट्टी की वापसी 70 एमएम के पर्दे पर हो चुकी है। एस.शंकर ने रजनीकांत और अक्षयकुमार की भिड़त को शानदार तरीके से पर्दे पर दिखाकर लोगों को हाल में सीटी और तालियां बजाकर एन्जॉय करने के लिए मजबूर कर दिया। चिट्टी को देखकर लोग खुश होते हैं और वो लोगों को अपनी हरकतों से खुश भी करता है। 3डी में फिल्म देखकर आप अपने पैसे वसूल कर सकते हैं।
निर्देशक-एस.शंकर को जो लोग नहीं जानते हैं वो याद करें नायक मूवी को। अनिल कपूर और अमरीश पुरी का शानदार अभिनय तो याद होगा ही आपको। एस.शंकर ही हैं जिन्होंने पर्दे पर 2.0 को जिंदा किया है। चिट्ठी क्यों आपको अच्छा लगता है इसकी वजह रजनीकांत है तो दूसरी वजह हैं शंकर। जब फिल्म में टेक्नोलॉजी या भव्य बनाने की बात आती है तो दक्षिण भारत के निर्देशक उत्तर भारत के निर्देशकों पर भारी पड़ते हैं। बी.जेयामोहन की स्टोरी को पर्दे पर उतारने के लिए शंकर को उनकी टीम ने पूरा साथ दिया है। कोई भी फिल्म एक निर्देशक का विजन होता है। टेक्नोलॉजी, मोबाइल और प्रकृति को लेकर शंकर का विजन भी मूवी देखकर पता चलता है। शंकर ने खुद भी इसकी कहानी लिखी है, जैसा कि फिल्म की कॉस्टिंग में दावा किया गया है, उससे पता चलता है।
निर्माता-ए.सुबसकरण (श्रीलंका के रहने वाले)
स्टार कास्ट
रजनी कांत, अक्षय कुमार, एमी जैक्सन, सुधांशु पांडेय, आदिल हुसैन ही मुख्य किरदार है। डॉ.वासीगरन और चिट्टी को जिया ने रंजनीकांत ने। तो वहीं पक्षीराजन के किरदार में अक्षय कुमार आपको चौंकाते हैं। नीला के किरदार में एमी जैक्सन जमी हैं तो वहीं आदिल हुसैन के हिस्से बहुत ज्यादा कुछ करने को नहीं था। पर जितने भी सीन में आए वहां उनका अनुभव दिखा। 6 से ज्यादा सीन उनके हिस्से में नहीं आए। सुधाशुं पांडेय के हिस्से में भी बहुत कुछ करने को नहीं था। ऐश्वर्या फिल्म में तो नहीं थी, पर उनकी आवाज से काम चलाया गया है।
फिल्म अवधि-2 घंटे 26 मिनट
टिकट के दिए- 200 रुपये
स्टोरी, डायरेक्टर, राइटर
शंकर और बी.जेयामोहन की स्टोरी को अच्छी तरह से पर्दे पर उतारने का काम पूरी टीम ने किया है। कॉस्टिंग इतनी बड़ी है कि सबके नाम नहीं दिए जा सकते। फिल्म का पहला पार्ट तेजी से निकल जाता है। दूसरा पार्ट थोड़ा धीमा है पर अच्छे सीन अधिकतर उसमें ही हैं। इनोवेटिव आइडिया की भरमार है।
मोबाइल फोन और प्रकृति को लेकर रची गई, ये कहानी हम सभी को सोचने के लिए मजबूर तो करती ही है। वीएफएक्स टीम से लेकर सिनेमेटोग्राफी तक या फिर कहें कि एडिटिंग से लेकर फोटोग्रॉफी तक यह फिल्म आंखों को अच्छी लगती है। एडीटर एंथोनी है तो वहीं सिनेमेटोग्राफी का काम नीरव शाह ने किया है। वहीं हिंदी डायलॉग लिखने का काम अब्बास टायरवाला ने किया है। सेट डिजाइनिंग से लेकर कॉस्टयूम डिजाइनिंग का काम शानदार है। चिट्टी, नीला और पक्षी राजन की ड्रेस देखकर आपको अच्छी लगेगी।
म्यूजिक-ए आर रहमान का म्यूजिक है। पर मन में बैठ ही जाएगा ऐसा जरूरी नहीं। क्योंकि फिल्म में याद करने लायक कोई गाना नहीं हैंं। बाकी फिल्म में बैकग्रांउड स्कोर या दूसरी घटनाओं के लिए म्यूजिक ठीक है। क्योंकि गानों को तमिल से हिंदी में अनुवाद किया गया है, इसलिए भी हो सकता है कि गाने इतने अच्छे न बन पाएं हो। हिंदी में गाने अभिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं।
लोकेशन
तमिलनाडु में तो शूटिंग हुई है। पर और कहां-कहां हुई, ये कहना मुश्किल हैं। खासकर उत्तर भारत के उन लोगों के लिए जिन्होंने दक्षिण भारत का वो हिस्सा बिल्कुल घूमा ही नहीं।
फिल्म क्यों देंखे-अगर साइंस फिक्शन मूवी पसंद हैं और अच्छी थ्री डी क्वालिटी की मूवी बहुत दिनों से नहीं देखी हो तो। ये थ्री डी मूवी एक हॉलीवुड मूवी से ज्यादा ही है, कम कहीं से नहीं।
फिल्म क्यों न देंखे-रजनीकांत पसंद नहीं है या फिर साइंस फिक्शन मूवी पसंद नहीं आती हो तो।
नोट-फिल्म का लॉस्ट गाना जरूर देखें। क्योंकि गाना बड़ी मेहनत से शूट किया गया है। गाने के खत्म होने के साथ ही आपको अगली पार्ट की कहानी का हल्का का अंदाजा लगेगा।
फिल्म समीक्षक- सचिन यादव
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