
जल्द ही पूरे देश में किसान एमएसएमई और खुदरा कारोबारी आसानी से छोटा कर्ज ले सकेंगे। इसके लिए आरबीआई यूनिफ़ाइड लेंडिंग इंटरफेस प्लेटफॉर्म लॉंच करेगा। आरबीआई ने बाधा रहित कर्ज वितरण वितरण लिए पिछले वर्ष पायलेट प्रोजेक्ट के आधार पर एक टेक्नोलोजी प्लेटफॉर्म की शुरुवात की थी। इसे ही अब यूएलआई के नाम से देशव्यापी स्तर पर लॉंच किया जाएगा। सोमवार को आरबीआई की ओर से डिजिटल पब्लिक ई फ्रस्त्रेक्चर तथा उभरती टेक्नोलोजीज पर आयोजित वैश्विक सम्मेलन में गवर्नर शशिकांत दास ने यह बात कही।
उन्होने कहा कि डीपीआई और उभरती टेक्नोलोजी दुनिया में लगभग सभी अर्थवयवस्थाओं की भविष्य की यात्रा को आकार देगी। उन्होने कहा कि केंद्रीय बैंक लगातार ऐसी नीतियां प्रणालियां और प्लेटफॉर्म तैयार करने पर काम कर रहा है। जो वित्तीय क्षेत्र को मजबूत, जुझारू और ग्राहक केन्द्रित बनाएंगे। दस ने कहा कि पिछले दशक में पारंपरिक बैंकिंग़ प्रणाली में अभूतपूर्व टेक्नोलोजी बदलाव हुआ है। सभी संकेतों से पता चलता है कि आने वाले वर्षों में यह प्रक्रिया और भी तेज हो सकती है। डीपीआई को लेकर देश के अनुभव पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इसने भारत को एक दशक से भी कम समय में वित्तीय समावेश के ऐसे स्तर को हासिल करने में सक्षम बनाया है जिसे हासिल करने में कई दशक या उससे भी अधिक समय लग जाता।
उन्होने कहा कि यूएलआई क्रेडिट मूल्यांकन में लाग्ने वाला समय कम होगा। इसे विभिन्न माध्यम से सूचना तक डिजिटल पहुँच सुनिश्चित करने के नजरिए से तैयार किया गया है। इसमें कई तकनीकी एकीकरण की जटिलता कम हो जाती है और कर्ज देने वालों को ज्यादा दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होती है। यूएलआई से विभिन्न क्षेत्रों में कर्ज की बडी अधूरी मांग को पूरा करने की उम्मीद है।