यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में ग्रामीणों की भागीदारी, सरकार की यह तैयारी
उत्तर प्रदेश के विकास में गांवों की बहुत ही बड़ी भूमिका है। गांव में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से काम किया जा रहा है। प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग, निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में ग्रामीणों का योगदान बढ़ाने के लिए विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ शीघ्र ही उन तक पहुंचाया जाए। गांव-देहातों तक उद्योगों के विकास से आमजन की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि पीएम और सीएम की भी यही मंशा है कि गांव आत्मनिर्भर बने, इसके लिए कुटीर उद्योग लगाने वालों को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाये तथा उन्हें आधुनिक तकनीकि से परिचित कराया जाये। उन्होंने कहा कि गांव में रोजगार के लिए आवश्यक माहौल बने, इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाये तथा उन्हें जरूरी मशीनरी व उपकरण भी उपलब्ध कराये जाएं।
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खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की 50वीं बैठक में कहा कि लोग खादी उत्पादों के प्रति आकर्षित हों, इसके प्रयास किये जाएं और खादी की गुणवत्ता में और सुधार किया जाए। इसके लिए राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर के तकनीकि विशेषज्ञों की भी सहायता ली जाए और अन्य राज्यों की अच्छी तकनीक को अपनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि खादी उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए खादी प्लाजा की भी स्थापना कराई जाए तथा माटी कला में गुणवत्ता लाने के लिए ट्रेनिंग सेंटर स्थापित कराए जाएं। साथ ही कम्बल बनाने के कारखानों में उत्पादन बढ़ाया जाएं। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से प्रदेश का काला नमक चावल सिंगापुर को 600 रूपये प्रतिकिलो की दर से निर्यात किया जा रहा है।
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष गोपाल अंजान ने कहा कि मुजफ्फरनगर एवं नजीबाबाद स्थित कम्बल कारखानों में कार्य नहीं हो पा रहा है, इसके लिए लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग, निर्यात प्रोत्साहन डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री रोजगार योजना में अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रदेश ने कोरोना काल में भी काफी अच्छी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में ई-आफिस प्रणाली लागू किया जाना प्रस्तावित है। ग्राम स्वराज व ग्रामोद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए अगरबत्ती बनाने की 05 मशीनें 3.42 लाख रूपये में क्रय की गई हैं। इससे प्रशिक्षित महिला समूहों को मशीन उपलब्ध कराकर उनको रोजगार से जोड़ा जायेगा। इसी प्रकार स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत 1500 सोलर चरखों के साथ विभिन्न टूलकिट्स वितरित किया जाना है।
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