विजयवाड़ा की श्रुति ने नौकरी छोड़ शुरू किया देश का पहला ई-कार रेंटल बिज़नेस

वह इंद्रा नूई और किरण मजूमदार शॉ से प्रभावित हैं, बढ़िया तनख्वाह पर नौकरी कर रही थीं। लेकिन विजयवाड़ा की रहने वाली श्रुति रेड्डी ने नौकरी छोड़कर देश की पहली ई-कार रेंटल बिज़नेस शुरू करने वाली महिला बन गईं हैं। उनके इस बिज़नेस से पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होता है। शुरू में उनका ई-कार का बिज़नेस सिर्फ विजयवाड़ा तक ही सीमित था। लेकिन अब उन्होंने इसे और बढ़ाया है। श्रुति अपने इस बिज़नेस से सिर्फ पैसा ही नहीं बनाना चाहती हैं। वह इस दौरान पर्यावरण का भी ख्याल रखती हैं।
श्रुति की कहानी
श्रुति एक छोटे परिवार से ताल्लुक रखती हैं, उनके पिता बिज़नेसमैन, माता गृहणी और बड़ा भाई आईटी फील्ड में कार्यरत है। श्रुति ने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और उसके बाद एनआईएन ज्वाइन कर लिया। लेकिन उनके मन में इंद्रा नूई व किरण मजुमदार बनने का सपना था। इसलिए नौकरी छोड़ व सीधे बिज़नेस में कूद पड़ी।
ऐसे किया कंपनी का विस्तार
मौजूदा समय में पेट्रोल व डीजल कैब्स का सड़कों पर क्रेज है, लेकिन इससे पर्यावरण को बेहद नुकसान होता है। जिसको देखते हुए श्रुति ने ये निर्णय लिया कि पर्यावरण के अनुरूप ई-गो शुरू करेंगी। श्रुति बताती हैं कि उन्होंने शुरू में 2 ई-रिक्शा से शुरू किया था। जिसमें रोजाना 10 से 20 बुकिंग मिल जाया करता था। जिसे वह एक अच्छी शुरुआत मानती थीं और उसके बाद उन्होंने गाड़ियों की संख्या में इजाफा करते हुए पूरे हैदराबाद में अपनी सेवा का विस्तार किया। उनकी गाड़ियों में वाई-फाई और जीपीएस की भी सुविधा है। साथ ही महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से सभी गाड़ियों में कैमरा भी है।
इको-फ्रेंडली गाड़ियों की वजह
श्रुति कहती हैं कि वह प्रकृति को बेहद पसंद करती हैं, इसलिए उन्होंने इको-फ्रेंडली गाड़ियों को ही चुना। एक सामान्य कार से 150 से 250 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड पर किमी निकलता है। लेकिन वहीं इलेक्ट्रिक कारों से 75 फीसदी तक कम प्रदूषण होता है। इसलिए उन्होंने इको-फ्रेंडली गाड़ियां चुनी हैं। हालांकि इस पूरे काम में उन्हें कई दिक्कतों से दो चार होना पड़ा है। जिसमें गाड़ियों को चार्ज करने से लेकर, ड्राईवर रखने और सरकार की परमिट हासिल करने में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को दी नौकरी
श्रुति कहती हैं कि वह अपनी कंपनी में महिलाओं को मौका दे रही हैं। उनके लिए वह ट्रेनिंग, उपकरणों का ज्ञान, सेल्फ डिफेंस और उनमें विश्वास पैदा करने के लिए प्रोग्राम भी करती हैं। इस तरह वह अपनी कंपनी के जरिये महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका भी देती हैं। श्रुति का प्लान भविष्य में अपनी कंपनी को और आगे ले जाने का है। जिससे वह महिलाओं को रोजगार और पर्यावरण को बचाने में अपनी जिम्मेदारी बढ़ा सकें।
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