आज का जमाना डिजिटल इंडिया का है। लोग तेजी से ऑनलाइन यूपीआई की मदद से पेमेंट करना पसंद कर रहे हैं। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े बिजनेसमैन तक लगभग सभी लोग ऑनलाइन पेमेंट को अपनी पहली पसंद मान रहे हैं। अब एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें इसके सर्विस को विदेशों में विस्तार करने की बात कही गई है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स (एनआईपीएल) ने वित्त वर्ष 2029 तक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को 20 देशों तक विस्तारित करने की योजना बनाई है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई और रुपे की वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करने के प्रयास किए जाएंगे।
20 देशों तक विस्तार करने की योजना
रिपोर्ट में कहा गया है कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों के मद्देनजर, रिजर्व बैंक, एनआईपीएल के साथ मिलकर यूपीआई को 20 देशों तक ले जाने की दिशा में काम करेगा, जिसकी शुरुआत 2024-25 और समापन 2028-29 की समयसीमा होगी। आरबीआई की रिपोर्ट में यूरोपीय संघ और दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के देशों के साथ सहयोग करने की संभावना का उल्लेख किया गया है, साथ ही फास्ट पेमेंट सिस्टम (एफपीएस) के लिए एक बेहतर रिलेशन की खोज की जा रही है।
ये है आरबीआई का विजन
आरबीआई द्वारा पेमेंट विजन डॉक्यूमेंट 2025 में यूपीआई और रुपे कार्ड के अंतरराष्ट्रीय विस्तार को एक प्रमुख उद्देश्य के रूप में पहचाना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई सहयोगी व्यवस्था बनाने के लिए विभिन्न केंद्रीय बैंकों के साथ चर्चा कर रहा है। जुलाई 2023 में आरबीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (सीबीयूएई) ने अपने भुगतान बुनियादी ढांचे को जोड़ने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
ये है डील
इस समझौते में भारत के यूपीआई को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (आईपीपी) आनी और उनके संबंधित कार्ड स्विच (रुपे स्विच और यूएईस्विच) से जोड़ना शामिल है। फरवरी 2024 में, भारत और मॉरीशस के बीच रुपे कार्ड और यूपीआई कनेक्टिविटी शुरू की गई। इससे मॉरीशस में भारतीय यात्री यूपीआई ऐप का उपयोग करके व्यापारियों को भुगतान कर सकते हैं और भारत में मॉरीशस के यात्री इसके विपरीत कर सकते हैं।