मिलिए आज के भागीरथ से, ये अपने घर की छत पर ही उगा लेते हैं 2 क्विंटल धान

भागीरथ का नाम तो आपने सुना ही होगा! जिन्होंने अपने प्रयास से मां गंगा को इस धरती पर लाने का काम किया था। तबसे 'भागीरथ प्रयास' एक मुहावरा बन गया। आज भी हम वैसे ही एक प्रयास की बात करने जा रहे हैं, और संयोग देखिए! उनका नाम भी भागीरथ है।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक 73 वर्षीय किसान भागीरथी बिसई पिछले कुछ सालों से चर्चा में हैं, यहां तक कि वैज्ञानिक भी उनके इस काम से हैरान हैं। आखिर भागीरथ ने काम ही ऐसा किया है।
भागीरथ की कहानी बताने से पहले हम आपको बता दें, छत्तीसगढ़ को 'धान का कटोरा' कहा जाता है, जहां के भागीरथ रहने वाले हैं। भागीरथ भी पेशे से किसान हैं, लेकिन उनके पास अपना खेत नहीं है। भागीरथ ने अपने घर की छत पर ही धान की खेती की है।
छत पर रोप दी धान की फसल
भागीरथ ने लीज पर खेत लेने के बजाय खुद ये नया तरीका इजाद कर लिया। खेती में छत गिर न जाए, इसके लिए उन्होंने छत पर रेत और सीमेंट की ढलाई तो कराई, लेकिन लोहे की छड़ के साथ बांस की लकड़ी लगवाई। उनका तर्क है कि बांस जल्दी नहीं सड़ता। बास के कारण सीलन की समस्या दूर हो गई। छत पर मिट्टी की छह इंच परत बिछाई गई है। वह परंपरागत किसान हैं। इस एक्सपेरिमेंट के लिए उन्होंने कोई ट्रेनिंग नहीं ली है।

2004 में रिटायरमेंट के बाद किया प्रयोग
उन्होंने 2004 में एफसीआई से रिटायर होने के बाद 100 वर्गफीट में धान बोया और प्रयोग सफल रहा। फिर उन्होंने घर को दो मंजिला किया। तीन हजार वर्गफीट की छत पर छह इंच मिट्टी की परत बिछाई। अब वे तीन हजार वर्गफुट की छत पर ही खेती कर रहे हैं। साल में दो क्विंटल धान दो अलग-अलग किस्मों के साथ लेते हैं। उनके इस जुनून को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं।
धान के अलावा सब्जियां भी उगाते हैं
वैसे तो भागीरथ धान की खेती करते हैं इसके अलावा गेंदा फूल के पौधे में टमाटर, बैगन के साथ दो किस्म की मिर्ची का उत्पादन करते हैं। परिवार में पत्नी के अलावा एक बेटा है। वे कहते हैं कि छत पर जितनी फसल उगा रहे हैं, उनके परिवार के लिए काफी है। आपको बता दें इस तरह की खेती चीन में भी की जा रही है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
