एक बाजार जहां केवल महिलाओं का है 'साम्राज्य', पुरुषों की एंट्री पर है बैन

क्या आपने कभी सोचा है, अगर पूरी दुनिया पर केवल महिलाओं का राज हो तो वो दुनिया कैसी होगी? चलिए, आप सोचिए! उससे पहले हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर केवल महिलाओं का साम्राज्य है और वहां पर उन्हीं का कानून चलता है।
जी हां! ये जगह भारत में ही है, यही नहीं इस जगह पर महिलाओं का 'कब्जा' सदियों से चला आ रहा है। इस जगह पर पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है। कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे कि आज के समय में जब हम 'जेंडर एक्वलिटि' की बात कर रहे हैं तो ये कैसी परंपरा शुरू हो गई, जहां केवल महिलाओं का बोलबाला है। खैर, हम आपको बता दें कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही हैं और खुद यहां कि महिलाओं ने इसको बरकरार रखने के लिए कई संघर्ष भी किए हैं।
मणिपुर का 'मदर्स मार्केट', जहां केवल महिलाएं ही करती हैं काम
आपको बता दें कि मणिपुर में एक ऐसा मार्केट है जिसे सिर्फ महिलाएं चलाती हैं। यहां पर करीब 4000 दुकानें हैं। इनमें एक भी पुरुष काम नहीं करते। इसे एशिया में महिलाओं का सबसे बड़ा मार्केट भी कहा जाता है। मणिपुर की राजधानी इंफाल के इस मार्केट को मदर्स मार्केट भी कहते हैं, 16वीं शताब्दी से यह बाजार यहां लग रहा है। यहां हजारों की संख्या में कस्टमर्स रोज आते हैं। स्थानीय सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत करने के लिए भी लोग इस मार्केट में पहुंचते हैं।
कैसे शुरू हुई यह परंपरा?
कहा जाता है कि यह मार्केट तब शुरू हुआ था जब यहां पर राजा हुआ करते थे। तब 'लैलप' नाम की एक ऐसी परंपरा थी जिसमें मैती कम्युनिटी के पुरुषों को राजा के दरबार में काम करने के लिए अक्सर बुला लिया जाता था। इस कारण से महिलाओं पर बाकी जिम्मेदारी आ गई। महिलाएं ही खेती भी करने लगीं और दुकानें भी चलाने लगीं। इसके बाद से यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में भी निभाया जाने लगा। इस मार्केट की खास बात ये है कि इसमें सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को काम करने दिया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाद के सालों में मार्केट की परंपरा को बदलने के लिए कई तरह के दबाव भी बनाए गए, लेकिन इन महिलाओं ने उनका विरोध किया और मार्केट से कब्जा नहीं छोड़ा।
क्या है इस मार्केट के नियम?
1- यह बाजार पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित होता है।
2- पुरुषों को इस बाजार में प्रवेश वर्जित है।
3- अगर कोई पुरुष इस बाजार में आएगा तो वो केवल सामान खरीदने ही आ सकता है।
4- घर का पुरुष भले ही बेरोजगार हो इस बाजार में उसे दुकान खोलने की अनुमति नहीं है।
5- इस बाजार में किस दुकान पर क्या बिकेगा, यह बाजार समिति तय करती है।
6- बिना लाइसेंस के इस बाजार में कोई महिला दुकान नहीं लगा सकती, इस वजह से गरीब महिलाएं यहां दुकान नहीं खोल पातीं।
7- अगर कोई महिला जिसके पास यहां का लाइसेंस है, अगर वो चाहे तो किसी और महिला को जिसके पास लाइसेंस नहीं है, उसे अपनी दुकान के सामने खड़े होकर अपने प्रोडक्ट बेचने की अनुमति दे सकती है। लेकिन यह महिला भी यहां के नियमों को तोड़ नहीं सकती।
8- हालांकि अब इस बाजार से कुछ पुरुष जुड़ चुके हैं जो सामान लाने का काम करते हैं, लेकिन वो भी बाजार के बाहर से ही चले जाते हैं।
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