आलू और केले से बना है यह प्लास्टिक बैग, जिसे खाया भी जा सकता है...

कभी-कभी कुछ अविष्कार जो विकास के लिए किया गया है, विनाश की तरफ कब बढ़ने लगता है समझ में नहीं आता कि उससे कैसे निजात पाया जाय। ऐसा ही एक अविष्कार है प्लास्टिक का। प्लास्टिक ने हमारे जीवन में अपनी घुसपैठ इस तरह की कि आज हर आदमी बाजार से प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहा है, जबकि यह साबित हो गया है कि यह हमारी पृथ्वी के लिए बेहद खतरनाक है।
कई शहरों में प्लास्टिक बैन
इसी वजह से कई शहरों में प्लास्टिक को पूरी तरह बैन भी कर दिया गया है। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है कि लोग इसके इस्तेमाल को पूरी तरह नकार चुके हों। इन्हीं सब मुसीबतों के बीच द. भारत में मंगलोर निवासी अश्वनाथ हेगड़े ने एक ऐसा प्लास्टिक बनाया है जो पूरी तरह पर्यावरण का मित्र होगा, यहीं नहीं अगर कोई जानवर इसे खा लेता है तो वो इसे पचा सकता है।
अश्वनाथ को कैसे आया खयाल
2012 में जब मंगलोर में प्लास्टिक को पूरी तरह बैन कर दिया गया तो बिना किसी पहले की तैयारी की वजह से कई दिक्क्तों का सामना करना पड़ा। उसी समय अश्वनाथ ने इसका विकल्प खोजने की ठान ली। आज उन्होंने बतौर स्टार्टअप एक कंपनी EnviGreen बनाई है जो ऐसे पर्यावरण मित्र प्लास्टिक बनाने का काम करती है।
कैसे बनता है यह प्लास्टिक?
अश्वनाथ को करीब 4 साल तक इस समस्या के समाधान तक पहुंचने में लग गया, उसके बाद उन्होंने 100 प्रतिशत पर्यावरण को सपोर्ट करने वाले फॉर्मूले के साथ एक पॉलीबैग लाए हैं। इसकी कई खासियत है, जैसे कि यह जल्दी डिस्पोज हो जाता है। जो प्लास्टिक की सबसे बड़ही समस्या होती थी। यही नहीं इस बैग को बनाने के लिए अश्वनाथ ने 12 चीजें डाली हैं जो पूरी तरह हाइजैनिक हैं। इसमें आलू, केला, सब्जियों के तेल, टैपियाको, कॉर्न जैसी चीजें मिली हैं। इन सभी चीजों को पहले तरल (liquid) बनाया जाता है फिर इसे 6 चरण के बाद प्लास्टिक का रूप दिया जाता है।
उबाल कर खाने योग्य बनाया जा सकता है
अश्वनाथ का दावा है कि वो इसी पूरी प्रक्रिया में किसी भी तरह का केमिकल का प्रयोग नहीं करते हैं। इस बैग की खासियत यह भी है कि अगर इसे काटकर उबाल दिया जाय तो इसे खाया भी जा सकता है। करीब 60 लोग अश्वनाथ की कंपनी में काम करते हैं और महीने भर में करीब 30 हजार मैट्रिक टन पॉलीबैग का उत्पादन करते हैं। कर्नाटक स्टेट पॉल्यूश्न कंट्रोल बोर्ड (KSPCB) ने इसके प्रयोग को अनुमति दे दी है।
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