अब दूर संचार कंपनियां ग्राहकों को गुमराह नहीं कर सकेंगी। ग्राहकों से जुड़ी विभिन्न जानकारी उन्हें अनिवार्य रूप से देनी होगी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस संबंध में कुछ नियम तय किए है जो अगले महीने से लागू होने जा रहे हैं। खास बात यह है कि कंपनियों ने ग्राहकों की शिकायत पर क्या कदम उठाया है, इसकी निगरानी ट्राई स्वयं करेगा। आगामी 1 अक्टूबर से टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर ये भी बताना होगा की किस इलाके में वे 2जी, 3जी, 4जी व 5जी में से कौन सी सेवा दे रही हैं। अभी ग्राहकों को यह पता ही नहीं होता है कि कंपनियां किन जगहों पर कौन सी सेवा दे रही है। कई बार एक ही कंपनी किसी शहर में 5 जी सेवा दे रही होती है तो किसी छोटे शहर में उनको 2 जी सेवा ही उपलब्ध होती है।
ग्राहकों को काल ड्राप एवं वायस ड्राप से भी छुटकारा दिलाने के लिए ट्राई ने नियमों में बदलाव किया है। कंपनियों के प्रदर्शन की निगरानी अगले साल अप्रैल से मासिक स्तर पर होगी ताकि काल ड्राप की दर को एक प्रतिशत से नीचे लाया जा सके। अभी तिमाही रूप से कंपनियों की मोबाइल सेवा प्रदर्शन की निगरानी की जाती है। सभी टेलिकॉम कंपनियों को ऑनलाइन अपग्रेड करने के लिए कहा गया है। पिछले महीने ट्राई ने मोबाइल, वायरलेस व ब्राडबैंड की सेवा गुणवत्ता के लिए एकीकृत नियामक अधिसूचित किया है जो आगामी 1 अक्टूबर से प्रभावी हो रहा है।
इन जानकरियों को भी वेबसाइट पर करना होगा अपलोड
कंपनी की ग्राहक सेवा ने 90 सेकेंड में काल का जवाब दिया है या नहीं। अगर किसी ग्राहक ने मोबाइल फोन सेवा समाप्त करने की गुजारिश की है तो उस पर 7 दिनों में क्या कार्यवाही की गई। बिलिंग को लेकर ग्राहकों की कितनी शिकायतें आई और कंपनी की तरफ से क्या कदम उठायेंगे। सेवा समाप्त होने पर डिपाजिट को 45 दिनों में लौटाया गया है या नहीं। महीने में कितने ग्राहकों ने सेवा समाप्त करने का आवेदन किया।