2020 तक टाटा मोटर्स शुरू कर देगा बीएस-6 गाड़ियों का उत्पादन

मोटर गाडियों से हवाओं में घुलते जहर (प्रदूषण) को रोकने के लिए सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन जारी कर दी है। आने वाले वर्षों में महानगरों की सड़कों पर से बीएस-4 की गाड़ियां गायब हो जाएगी और सिर्फ बीएस-6 की गाड़ियां दिखेगी। बीएस-6 में सल्फर की मात्रा कम होने के कारण सरकार का इस पर जोर होगा। सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी होने के बाद अब टाटा मोटर्स ने उस पर काम करना शुरू कर दिया है। टाटा मोटर्स का जमशेदपुर स्थित प्लांट से 2020 तक बीएस-6 की गाडियां बनना शुरू हो जाएगी।
यह जानकारी टाटा मोटर्स के मैनुफैक्चरिंग कॉमर्शियल वेहिकल के हेड एबी लाल ने दी। उन्होंने बताया कि हम अपने प्लांट में ही असेंबली लाइन को अपडेट कर उत्पादन करेंगे। इसके लिए हमें बीएस-6 इंजन, गियर बॉक्स सहित सभी उपकरणों की जरूरत होगी। श्री लाल के अनुसार बीएस 6 वाहनों के उत्पादन के लिए केंद्र सरकार से गाइडलाइन ऑटोमोबाइल कंपनियों को भेजा जी चुकी है। इसलिए हम इस पर अभी से काम कर रहे हैं। श्री लाल ने बताया कि जमशेदपुर में प्रतिदिन अब तक 300 गाड़ियां बनती रही हैं। इसकी संख्या बढ़ कर 450 तक हो गयी है। फिर भी डिमांड के अनुसार हम सप्लाइ नहीं कर पा रहे हैं। डिमांड पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।
दिल्ली की बाजार में इसी साल 1 अप्रैल से उपलब्ध होगा बीएस-6 ईंधन
सरकार की तरफ से ऐसी गाड़ियों पर जोर इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि बीएस 6 ईंधन में सल्फर की मात्रा कम होकर 10 पार्ट प्रति मिलियन (पीपीएम) रह जाएगी, जो बीएस-4 में 50 पीपीएम है। तेल कम्पनियों से इसलिए अभी से तैयारी कर ली है। और भी इसे समय से पहले ही लांच कर रही है। देश की राजधानी दिल्ली की हवा सबसे खतरनाक है ऐसे में जरूरत है बीएस-6 को अपनाना। इसीलिए दिल्ली के बाजार में इसे 1 अप्रैल को पेश किया जाएगा। कंपनियों ने पहले ही बेहतर गुणवत्ता का पेट्रोल व डीजल बेचना शुरू कर दिया है, जिसमें सल्फर की मात्रा करीब 30-40 पीपीएम है। सूत्रों ने पुष्टि की कि इस तरह का ईंधन दिल्ली के सभी 387 आउटलेट पर पहले से मौजूद है। हालांकि अभी 'मेट्रो के बाहर प्रीमियम ब्रांडों की बिक्री बहुत कम है। अप्रैल 2020 में जब बीएस-6 पूरी तरह से पेश कर दिया जाएगा। दिल्ली में इसे पेश किए जाने के पहले ही आईओसी के नजदीकी टर्मिनलों टिकरीकलां और बिजवासन में पहले ही बीएस 6 ईंधन भर दिया गया है और अगले 10-15 दिन में बेहतर गुणवत्ता का ईंधन पूरी तरह से नजर आने लगेगा। मथुरा और पानीपत में आईओसी की रिफाइनरियों से दिल्ली के बाजार में तेल भेजा जाता है। सूत्रों ने कहा कि मथुरा से दिल्ली की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा और पानीपत को तैयार रखे जाने वाले स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
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