बजट 2016-17: वित्त मंत्री जी ये चाहती है भारत की जनता

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट के लिए लोगों से राय मांगी थी जिसे 5 फरवरी तक देना था। इससे पहले भारत सरकार ने mygov.in पर लोगों से पिछले वित्त वर्ष में भी सुझाव मांगे थे। जिसे 2015-16 के केंद्रीय और रेल बजट में शामिल किया गया था।इस साल मांगे गए सुझावों में अब तक 6500 से ज्यादा लोगों ने अपनी राय दी है। आइए जानते हैं ज्यादातर लोग आगामी बजट में सरकार से क्या चाहती है?
5 लाख हो इनकम टैक्स छूट की सीमा
पिछले कुछ सालों से आम आदमी को बजट से सबसे ज्यादा उम्मीद उसके टैक्स सीमा को बढ़ने को लेकर होती है। इस बार भी ज्यादातर लोगों ने इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने की मांग की है। इनकम टैक्स पेयर्स चाहते है कि टैक्स छूट की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक कर दी जाए।
भारत कैशलेस इकॉनमी बने
सुझाव देने वालों में इस बार प्रधानमंत्री की नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना 'डिजिटल इंडिया' पर अपनी राय दी है। ज्यादातर लोग चाहते हैं कि डिजिटाइजेशन को और बढ़ावा मिले। पोस्टल सर्विस को डिजिटल बनाने के साथ-साथ यूटिलिटी बिल पेमेंट और टैक्स पेमेंट को और आसान बनाने की भी मांग की गई है। इसके जरिए भारत को कैशलेस इकॉनमी बनाने में मदद मिलेगी।
सरकारी अधिकारी और VIP भारत में बने सामानों को प्रयोग करें
भारत की ज्यादातर जनता ने मेक-इन-इंडिया के सशक्तिकरण के लिए सुझाव दिया है। लोगों के सुझाव के मुताबिक इसकी शुरुआत सबसे पहले सरकारी अधिकारी और वीआईपी से की जानी चाहिए। इनके लिए सिर्फ भारत में बनी कारों में सफर करना अनिवार्य कर दिया जाए। इसके अलावा आईटी मिनिस्ट्री की ओर से कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को भारत में बनाने पर विशेष छूट देने की भी मांग की गई है।
फसल बीमा का प्रीमियम घटाया जाय
देश में किसानों की हालत चिंताजनक है, इस बात को लेकर भी लोगों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए राय दी है। किसानों को बाजार में उचित रकम न मिल पाने पर लोग चाहते हैं कि इस बार के बजट में कृषि उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ज्यादा रकम के दी जाए। बजट में खासतौर पर किसानों के लिए फसल बीमा का प्रीमियम और घटाया जाने की मांग की गई है।
प्रदूषण सबसे बड़ी चिंता
बजट पर मांगे गए सुझावों पर लोगों ने डीजल गाड़ियों की कीमते बढ़ाने की बात कही है, वजह है इनसे होने वाले जहरीले प्रदूषण। लोगों की मांग है डीजल गाड़ियों की अगर कीमते ज्यादा होंगी तो इसके खरीददारों की संख्या कम होगी तो प्रदूषण में भी राहत मिलेगी।
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