'कैशलेस सिस्टम' का हिस्सा बनने वाले छोटे व्यापारियों को मिलेगी छूट

नोटबंदी के बाद देश में उहापोह के माहौल के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए एक और कदम उठाया है। जेटली ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाले छोटे व्यापारियों को टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है।
डिजिटल माध्यम को स्वीकार करने वालों को फायदा
रविवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि दो करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यापारी और कंपनियां अगर बैंक और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं, तो उन्हें कम टैक्स देना होगा।
जेटली ने कहा कि मौजूदा 2016-17 के बजट में दो करोड़ रुपये तक के कारोबार करने वाले ऐसे छोटे व्यापारियों एवं व्यवसायियों, जो समुचित खाते नहीं रखते हैं, उनके बारे में मान लिया गया था कि उन्होंने टैक्स के लिहाज से आठ प्रतिशत आय या लाभ कमाया। लेकिन यदि वे भुगतान के डिजिटल माध्यम अपनाएंगे तो उनकी आय कारोबार का छह प्रतिशत मानी जाएगी न कि आठ प्रतिशत। माना जा रहा है सरकार का यह फैसला छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी।
मौजूदा बजट में संशोधन किया गया
इस घोषणा के बाद में जेटली ने पत्रकारों से कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण बदलाव है और एक नई अधिसूचना में पुराने आदेश को संशोधित किया गया है, जिसे बजट 2016-17 के लिए घोषित किया गया था। आयकर कानून, 1961 की धारा 44एडी के तहत जिन करदाताओं (व्यक्तिगत, अविभाजित हिंदू परिवार यानी एचयूएफ और एलएलपी को छोड़कर भागीदारी कंपनिया) का कारोबार दो करोड़ रुपये या उससे कम है, उनमें टैक्स के लिहाज से लाभ को कुल कारोबार का आठ प्रतिशत माना गया है।
अब केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक नोटिस में कहा, ‘कानून की धारा 44एडी के तहत लाभ को कारोबार का आठ प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर छह प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। यह 2016-17 के लिये बैंक चैनल : डिजिटल माध्यमों से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा।’
एक्सपर्ट की माने तो यह फैसला सरकार के अर्थव्यवस्था में नकदी के कम उपयोग के लक्ष्य हासिल करने और डिजिटल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करने वाले छाटे कारोबारियों और कंपनियों को प्रोत्साहन देने के मकसद से किया गया है।
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